'मैंने इंजेक्शन लिए और...', AB De Villiers ने वर्ल्ड कप की यादगार पारी से पहले की अनसुनी कहानी की बयां
Ab De Villiers recalls his 162 run knock against WI एबी डीविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप 2015 में केवल 66 गेंदों में 162* रन की पारी खेली थी। एबी डीविलियर्स ने अपनी पारी के दौरान 17 चौके और आठ छक्के जमाए थे। डीविलियर्स ने बताया कि वो मैच से पहले बीमार थे और अभ्यास भी नहीं कर पाए थे।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek NigamUpdated: Fri, 30 Jun 2023 07:56 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डीविलियर्स की तूफानी बल्लेबाजी से क्रिकेट फैंस अच्छी तरह वाकिफ हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2015 वर्ल्ड कप का वो मैच शायद ही कोई फैन भूल पाया होगा जब एबीडी ने कैरेबियाई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए केवल 66 गेंदों में नाबाद 162 रन की पारी खेली थी।
डीविलियर्स तब दक्षिण अफ्रीका के कप्तान थे और उन्होंने अपनी पारी के दौरान 17 चौके व आठ छक्के जमाए थे। एबीडी की तूफानी पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने स्कोरबोर्ड पर 408 रन टांगे थे। एबी डीविलियर्स ने खुलासा किया है कि वो इस मुकाबले से पहले बीमार थे।
39 साल के एबी डीविलियर्स ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि वो मैच की सुबह बीमार थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच से पहले उन्होंने वॉर्म-अप भी नहीं किया था। उन्होंने साथ ही बताया कि वो बल्लेबाजी करने से पहले नींद ले रहे थे क्योंकि दवाई लेने के कारण वो रातभर सो नहीं पाए थे।
एबी डीविलियर्स ने जियो सिनेमा के होम ऑफ हीरोज पर कहा, ''मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड का। 2015 की बात है। हम वेस्टइंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच खेल रहे थे। मैं काफी घबराया हुआ था। वो हमारे लिए करो या मरो की स्थिति का मैच था। मगर सुबह 3 बजे मैं काफी बीमार था। मैंने इंजेक्शंस लिए और सब चीजें की। मैं सो नहीं पाया था। मैं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पहुंचा और मैंने कोच से कहा कि मैं वॉर्म-अप नहीं कर पाऊंगा। मैं नींद लेने जा रहा हूं।''
एबी डीविलियर्स ने आगे बताया कि बल्लेबाजी करने आने से पहले वो कैसा महसूस कर रहे थे और सभी चीजें कैसे स्लो मोशन में उन्हें नजर आ रही थी। पूर्व कप्तान ने बताया कि वो आधी नींद ले सके थे, लेकिन उन्हें आम दिनों से ज्यादा बड़ी गेंद नजर आ रही थी। यह बात डीविलियर्स के लिए भी अलग थी।
एबीडी ने कहा, ''मुझे याद है कि पहली गेंद का सामना कर रहा था और मन में था कि अगर आउट हुआ तो चिंता नहीं करूंगा। मैं बस गेंद को देखूंगा और धीमे मूव हो जाऊंगा। मुझे नहीं पता कि उस दिन सब चीजें इतने स्लो मोशन में क्यों हो रही थी। गेंद बड़ी दिख रही थी जबकि मेरी नींद अधूरी थी। मैंने सूरज की तरफ देखा और माना कि यह मैच आनंददायक है। काफी आसान, काफी धीमा और इस तरह के जोन में आना मुश्किल है। उस जोन में काफी आनंद आया।''