MS Dhoni से मिली सीख को आजमाएंगे Ruturaj Gaikwad, एशियन गेम्स में भारत की कप्तानी करने से पहले कही बड़ी बात
आयरलैंड दौरे पर भारतीय टीम के उपकप्तान रुतुराज गायकवाड़ का मानना है कि किसी टीम का नेतृत्व करना आसान काम नहीं है लेकिन वह अगले महीने एशियाई खेलों में भारत की कप्तानी करते समय चेन्नई सुपर किंग्स में उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली सीख पर अमल करेंगे। गायकवाड़ ने कहा कि सच कहूं तो किसी टीम की कप्तानी करना बेहद जटिल चीज है।
By Jagran NewsEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Tue, 22 Aug 2023 08:56 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Ruturaj Gaikwad Praises MS Dhoni Captaincy Before Asian Games आयरलैंड दौरे पर भारतीय टीम के उपकप्तान रुतुराज गायकवाड़ का मानना है कि किसी टीम का नेतृत्व करना आसान काम नहीं है, लेकिन वह अगले महीने एशियाई खेलों में भारत की कप्तानी करते समय चेन्नई सुपर किंग्स में उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली सीख पर अमल करेंगे।
गायकवाड़ ने कहा कि सच कहूं तो किसी टीम की कप्तानी करना बेहद जटिल चीज है। जैसे कि माही भाई हमेशा कहते रहते हैं कि एक बार में एक मैच पर ध्यान दो और भविष्य को लेकर चिंता मत करो।उन्होंने कहा कि हर कोई चीजों को बढ़ा चढ़ा कर पेश करता है। मैं उन लोगों में शामिल नहीं हूं जो इंटरनेट मीडिया पर ध्यान देते हैं या फिर उन बातों पर गौर कर ते हैं, जो उनके बारे में कही जा रही हों। मेरा मानना है कि यह एक ऐसी चीज है जो मैंने चेन्नई सुपर किंग्स में सीखी। मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और फिर घर लौट कर अपने दोस्तों के साथ समय बिताने को लेकर मेरी राय बहुत स्पष्ट है।
रुतुराज गायकवाड़ ने रिंकू सिंह की जमकर की तारीफ
आयरलैंड के विरुद्ध दूसरे टी-20 मैच में 38 रन की पारी खेलने वाले रिंकू सिंह की गायकवाड़ ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा, रिंकू आइपीएल में ही सबका चहेता खिलाड़ी बन गया था। इस साल वह जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा है, उसमें काफी परिपक्वता नजर आती है और सबसे अच्छी बात यह है कि वह पहली गेंद से ही आक्रमण नहीं करता है। वह परिस्थितियों का आकलन करके फिर आक्रमण करता है।
साथ ही अपनी बल्लेबाजी पर गायकवाड़ ने कहा कि रात को वर्षा होने के कारण विकेट में थोड़ी नमी थी और गेंद रुक कर बल्ले पर आ रही थी। ऐसे में इस विकेट पर शाट खेलना सरल नहीं था। आरंभिक बल्लेबाज होने के कारण मेरे पास कुछ गेंदों को छोड़कर क्रीज पर पांव जमाने और फिर उसकी भरपाई करने का मौका था।
आमतौर पर जब बाकी बल्लेबाज क्रीज पर उतरते हैं तो बहुत कम ओवर बचे रहते हैं और ऐसे में आप अधिक गेंदों को खाली नहीं छोड़ सकते। एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर आपको विकेट का आकलन करने का पर्याप्त समय मिलता है।