मैं तीन साल तक एलएसजी में खेलना चाहता हूं: आयुष बडोनी
कप्तान आयुष बडोनी के शानदार दोहरे शतक की बदौलत दिल्ली ने झारखंड के खिलाफ ड्रॉ खेला। आयुष बडोनी ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को संकट से उबारा और पहली पारी में बढ़त दिलाई। हालांकि मैच ड्रॉ रहा लेकिन बडोनी ने अपनी शानदार पारी से सभी का दिल जीत लिया। हालांकि दिल्ली टीम को तीन महत्वपूर्ण अंक मिले।
लोकेश शर्मा, जागरण नई दिल्ली। आयुष बडोनी (205) के अविजित शानदार दोहरे शतक की बदौलत दिल्ली टीम ने झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में तीन अंक हासिल किए। झारखंड ने पहली पारी में 386 रन बनाए थे, जिसके जवाब में दिल्ली की टीम की शुरुआत लड़खड़ाती हुई नजर आई। लेकिन, कप्तान आयुष बडोनी ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को संकट से उबारा और पहली पारी में बढ़त दिलाई। हालांकि, मैच ड्रॉ रहा, लेकिन बडोनी ने अपनी शानदार पारी से सभी का दिल जीत लिया।
यह मुकाबला बडोनी के लिए खास था क्योंकि वह पहली बार दिल्ली टीम की कप्तानी कर रहे थे। मैच के बाद बडोनी ने कहा, "मैं अपनी कप्तानी में जीत दर्ज करना चाहता था। हालांकि, मैच ड्रॉ हुआ, लेकिन मैं अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश हूं।" इंडिया ए दौरे को लेकर बडोनी ने कहा, "हमने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन सेमीफाइनल में हार गए। इस हार से हमने बहुत कुछ सीखा है।"
लैंगर से सीखा है बहुत कुछ
आयुष बडोनी पिछले दो सीजन से आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जाएंट्स (एलएसजी) का हिस्सा हैं। इस सीजन में फ्रेंचाइजी ने उन्हें मेगा आक्शन से पहले रिटेन किया है। उन्होंने कहा, "मैं अगले तीन साल तक एलएसजी के लिए खेलना चाहता हूं। जस्टिन लैंगर से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने मुझे हमेशा अपना स्वाभाविक खेल खेलने के लिए प्रेरित किया है।"
'लाल और सफेद गेंद में खुद को साबित करना चाहता हूं'
बडोनी ने कहा, "मैं सफेद और लाल दोनों गेंदों के क्रिकेट में खुद को साबित करना चाहता हूं और इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं। मैंने अपनी गेंदबाजी पर भी काम किया है। पहले मैं सिर्फ एक बल्लेबाज था, लेकिन कोच शरनदीप ने मेरी गेंदबाजी क्षमता को पहचाना और मुझे इसमें सुधार के लिए प्रेरित किया।"बेहतरीन प्रदर्शन को तैयार बडोनी
दिल्ली टीम के खिलाड़ियों की फार्म पर बात करते हुए बडोनी ने कहा, "टीम का कोई भी बल्लेबाज अगर एक मैच में शतक लगाता है, तो वह अपनी फार्म को अगले मैच में बरकरार नहीं रख पाता। इस पर मैं बतौर कप्तान काम कर रहा हूं। दिल्ली टीम का प्रदर्शन जल्द ही और बेहतर होगा। मैंने खुद को नंबर चार पर प्रमोट किया और दोहरा शतक भी लगाया।" बडोनी की इस पारी ने न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता को साबित किया बल्कि यह भी दिखाया कि वह क्रिकेट के सभी प्रारूपों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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