भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में इंदौर की पिच को लेकर चर्चा काफी तेजी से हो रही है। वैसे तो इंदौर की पिच बल्लेबाजों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है लेकिन यहां पहली पारी से बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे है।
By Jagran NewsEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Thu, 02 Mar 2023 12:53 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Dilip Vengsarkar, IND vs AUS 3rd Test Match। भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS 3rd Test) के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में इंदौर की पिच को लेकर चर्चा काफी तेजी से हो रही है। वैसे तो इंदौर की पिच बल्लेबाजों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन यहां पहली पारी से ही भारतीय बल्लेबाज रन बनाने को संघर्ष करते हुए नजर आए।
इंदौर की इस पिच पर स्पिनर्स का बोलबाला देखने को मिला। खेल के दूसरे दिन भारतीय बॉलर्स का बोलबाला रहा और कंगारू टीम 197 रन पर सिमट गई। इसी कड़ी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकार ने इंदौर पिच को लेकर अपनी भड़ास निकली है।
IND vs AUS: इंदौर पिच के हाल पर भड़के पूर्व भारतीय क्रिकेटर
दरअसल, भारतीय टीम की पहली पारी 109 रन पर सिमट गई थी। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 156 रन तक चार विकेट के नुकसान में पहले दिन 4 विकेट ही गंवाए। इसके बाद दूसरे दिन के खेल में भारतीय गेंदबाजों का बोलबाला रहा।
उमेश यादव और आर अश्विन ने कुल 3-3 विकेट चटकाए और कंगारू टीम 197 रन पर सिमट गई। बता दें कि इंदौर की पिच पर बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है। वह रन बनाने के लिए काफी संघर्ष करते दिख रहे हैं। इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने हाल ही में इंदौर पिच की हालात को देखकर नाराजगी जताई है।
वेंगसरकर ने कहा कि बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को समान अवसर देने के लिए पिच में बराबर उछाल होनी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो यह 'टेस्ट क्रिकेट का मजाक' बन जाता है। उन्होंने साथ ही आगे कहा,
''अगर आप अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हैं तो पिच से सारा फर्क पड़ता है। आपके पास समान उछाल वाले विकेट होने चाहिए ताकि बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को समान अवसर मिलें, लेकिन गेंद पहले दिन और पहले सत्र से ही टर्न लेती है और वह भी असमान उछाल के साथ, यह टेस्ट क्रिकेट का मजाक बनाता है''
इसके साथ ही वेंगसरकर ने साथ ही कहा,
''यह जरूरी है कि टेस्ट मैचों में आप भीड़ को फिर से वापस लाए। ऐसा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से भारत में ये नहीं हो रहा है। लोग टेस्ट देखने तभी आएंगे जब ये दिलचस्प हो। कोई नहीं देखना चाहेगा कि गेंदबाज बार-बार बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी हो जाएं, वो भी पहले ही सेशन में।''