Gautam Gambhir ने कोच बनने से पहले ही दे दिए बड़े बदलाव के संकेत, इस नियम को 'आउट' करने की कर ली तैयारी
गौतम गंभीर भारतीय टीम के हेड कोच बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। इस बीच उन्होंने यो-यो टेस्ट पर सवाल उठाए हैं। गंभीर ने कहा कि टीम में जगह बनाने के लिए केवल फिटनेस ही एक पैमाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यो-यो टेस्ट के कारण अगर किसी खिलाड़ी का टीम में सिलेक्शन नहीं होता है तो यह मुझे नहीं लगता कि यह तरीका सही है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने यो-यो टेस्ट पर सवाल उठाए हैं। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए केवल फिटनेस ही एक पैमाना नहीं होना चाहिए। गौतम गंभीर टीम इंडिया के अगले हेड कोच भी हो सकते हैं। तो ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अगर गंभीर मुख्य कोच बनते है तो क्या यो-यो टेस्ट का नियम बदल जाएगा। टी20 विश्व कप 2024 के बाद वर्तमान हेड कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
फिटनेस का सीधा संबंध ट्रेनर से
गंभीर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, "फिटनेस एक फैक्टर होना चाहिए, लेकिन मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं कि फिट कहलाने के लिए हमें फिटनेस टेस्ट पास करना होगा। फिटनेस का सीधा संबंध ट्रेनर से होना चाहिए। अगर किसी ट्रेनर को लगता है कि आप पर्याप्त फिट हैं। कुछ लोग शारीरिक रूप से इतने मजबूत होते हैं कि वे जिम में बहुत अधिक वजन उठा सकते हैं।"
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प्लेयर को उनके टैलेंट के आधार पर चुने
गंभीर ने कहा, "यो-यो टेस्ट के कारण अगर किसी खिलाड़ी का टीम में सिलेक्शन नहीं होता है तो यह मुझे नहीं लगता कि यह तरीका सही है। आप प्लेयर्स को उनके टैलेंट, उनकी बैटिंग स्किल, उनकी बॉलिंग स्किल के आधार पर चुनते हैं। यह ट्रेनर का काम है उनकी फिटनेस पर काम करते रहना और उन्हें शारीरिक रूप से भी बेहतर बनाते रहना। सिर्फ इसलिए कि कोई यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाता और उसका सिलेक्शन नहीं हो पाता, मुझे लगता है कि यह थोड़ा अनफेयर है।"