न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज रॉस टेलर का चौंकाने वाला खुलासा, नस्लवाद का हुए थे शिकार
न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रॉस टेलर ने अपने देश की क्रिकेट संस्कृति में नस्लवाद पर बात की है। टेलर ने इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था और अपनी आटोबायोग्राफी में रॉस टेलर ब्लैक एंड व्हाइट में नस्ली टिप्पणी को लेकर बात कही।
By Viplove KumarEdited By: Updated: Thu, 11 Aug 2022 08:16 PM (IST)
वेलिंगटन, एजेंसी। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंटिस क्रिकेट में नस्लवाद के सख्त खिलाफ है। यह बात भी सच है कि नस्लीय टिप्पणी क्रिकेट में कोई नहीं बात नहीं है और इसके लेकर कई कड़े कदम भी उठाए गए हैं। फिर भी इसके बारे में सुनने को मिल ही जाता है। इस बार जिस देश की टीम के लिए यह सुनने को मिला है वो हैरान करने वाला है। न्यूजीलैंड को क्रिकेट जगत में सबसे ज्यादा शालीन टीम माना जाता है और इनके क्रिकेटरों की बेहद अदब के साथ देखा जाता है।
न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रॉस टेलर ने अपने देश की क्रिकेट संस्कृति में नस्लवाद पर बात की है। टेलर ने इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था और अपनी आटोबायोग्राफी में रॉस टेलर ब्लैक एंड व्हाइट में नस्ली टिप्पणी को लेकर बात कही।
टेलर खुद एक नेटिव न्यूजीलैंड बल्लेबाज नहीं हैं। वह जन्म से एक मल्टी-ऐथनिक (बहुजातीय) खिलाड़ी हैं। टेलर ने आगे ड्रेसिंग रूम में नस्लवादी मजाक का उदाहरण दिया जिसमें वह हिस्सा था। उन्होंने इस बारे में बताया कि कैसे एक विशेष टीम के साथी ने उन्हें एक बिंदु समझाने की कोशिश करते हुए जातीयता को बीच में लाया।"We didn't have a very good captaincy relationship." 🗣️
Ross Taylor reveals all in this exclusive interview ahead of the release of his book "Ross Taylor: Black & White". Catch the full interview tonight on Sky Sport 1 at 5pm and again at 7pm on Sky Sport 3. #SkySportNZ pic.twitter.com/Yj1QSS8n2C
— Sky Sport NZ (@skysportnz) August 11, 2022
टेलर ने कहा, कई मायनों में, ड्रेसिंग-रूम का मजाक काफी कुछ कह जाता है। टीम का एक साथी मुझसे कहता था, रॉस, तुम आधे अच्छे आदमी हो, लेकिन कौन सा आधा अच्छा है? ये बात आप नहीं जान सकते। अन्य खिलाड़ियों को भी अपनी जातीयता पर आधारित टिप्पणियों के साथ आना पड़ा। ऐसे लोग आपस में एक दूसरे को सही भी नहीं करते, क्योंकि वे एक दूसरे के मजाक को सफेद चमड़ी वाले इंसान की तरह सुनते हैं जो उन पर लागू नहीं होता।