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'खेलते कम, बोलते ज्‍यादा हैं', Babar Azam पर पूर्व दिग्‍गज क्रिकेटर ने जमकर निकाली भड़ास, Kohli पर दिया बड़ा बयान

Younis Khan Statement बाबर आजम और विराट कोहली की अक्सर तुलना की जाती है लेकिन इस बार पाकिस्तान के पूर्व कप्तान यूनिस खान ने बाबर की आलोचना करते हुए उन्हें कोहली से सीखने की सलाह दी। यूनिस ने कहा कि बाबर कप्तानी छोड़ दें। उन्होंने कहा कि विराट को भी ऐसा करके काफी फायदा हुआ और उनका बल्ला आग उगल रहा है।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Updated: Mon, 16 Sep 2024 10:26 AM (IST)
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Babar Azam पर पूर्व दिग्‍गज क्रिकेटर Younis Khan ने जमकर निकाली भड़ास
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान यूनिस खान ने स्टार बैटर बाबर आजम की जमकर आलोचना की। हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार झेली। इस टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान टीम का प्रदर्शन खराब रहा।

अब पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान यूनिस खान ने टीम क प्लेयर्स और बाबर आजम को लेकर एक बयान दिया। यूनिस ने बाबर को विराट कोहली से सीख लेने की सलाह दी।

बाबर आजम की मौजूदा फॉर्म खराब चल रही है। उन्होंने पिछले 16 टेस्ट पारियों में अभी तक अर्धशतक नहीं जड़ा है। इस पर यूनिस ने बाबर आजम पर भड़ास निकालते हुए कहा कि अगर बाबर और बाकी टॉप के खिलाड़ी मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो नतीजे सभी के लिए स्पष्ट होंगे।

'हमारे प्लेयर्स खेलते कम, बोलते ज्यादा है', Younis Khan का बयान

दरअसल, यूनिस खान ने कराची प्रीमियर लीग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाबर आजम की आलोचना की। यूनिस ने कहा कि बाबर को जब टीम की कप्तानी सौंपी गई थी तो उस समय वह हमारे सबसे बेहतरीन बल्लेबाज थे। उनको कप्तान बनाए जाने के फैसले के समय मैं भी वहां मौजूद था लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है, ऐसे में उन्हें खुद इस बात को लेकर सोचना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि बाबर ने काफी कम उम्र में बहुत कुछ हासिल कर लिया, लेकिन अब उन्हें ये समझना जरूरी है कि उन्हें भविष्य में क्या हासिल करना है। आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश के लिए शायद फिर से खेलने का मौका ना मिले।

बाबर को विराट कोहली से सीखने की यूनिस ने दी सलाह

यूनिस ने कहा कि विराट कोहली को देखिए, उन्होंने खुद कप्तानी को छोड़ दिया और अब उनकी बल्लेबाजी को आप देखिए जो बिल्कुल ही एक अलग स्तर पर देखने को मिलती है और वह लगातार नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। इससे हमें पता चलता है कि एक खिलाड़ी के लिए पहली प्राथमिकता हमेशा देश के लिए खेलना होना चाहिए ना कि कप्तानी करने पर।