'10-15 बॉल में बदल देता खेल', पाकिस्तानी क्रिकेटर की तारीफ करते नहीं थके Harbhajan Singh, कहा- ऐसी काबिलियत किसी में नहीं
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान का ये बल्लेबाज अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से मैच को पलटने का दम रखते थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का ये पूर्व कप्तान अगर कुछ देर मैदान पर टिक जाएं तो वह कुछ ही गेंदों पर मैच का पासा पलट सकते थे। हरभजन इस समय टी20 वर्ल्ड कप 2007 और वनडे वर्ल्ड कप 2011 को याद करते हुए इस बल्लेबाज की अहमियत बताई।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी की तारीफ की है। हरभजन ने कहा है कि अफरीदी जब तक क्रिज पर रहते थे या जब तक बल्लेबाजी करने नहीं आते थे तब तक दूसरी टीमों के दिल में दहशत रहती थी। हरभजन सिंह ने साल 2007 में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप का उदाहरण दिया और बताया कि उस समय अफरीदी को लेकर टीम इंडिया क्या सोच रही थी।
हरभजन ने कहा कि अफरीदी अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से मैच को पलटने का दम रखते थे। उन्होंने कहा कि अफरीदी अगर कुछ देर मैदान पर टिक जाएं तो वह कुछ ही गेंदों पर मैच का पासा पलट सकते थे। हरभजन इस समय अफरीदी के साथ टी20 वर्ल्ड कप 2024 में कमेंट्री कर रहे हैं।यह भी पढ़ें- IND vs CAN: अब नहीं चले तो पक्का इन पर गिरेगी गाज, सुपर-8 में पानी पिलाते नजर आ सकता है ये स्टार क्रिकेटर
2007 को किया याद
हरभजन ने कहा कि साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप के मैच में अफरीदी आउट हो गए थे तब टीम इंडिया ने राहत की सांस ली थी। उन्होंने कहा, "ये मायने नहीं रखता कि वह कितनी देर विकेट पर टिके रहते हैं, लेकिन वो हमारी टीम मीटिंग का समय बढ़ा देते थे। मुझे साल 2007 में वर्ल्ड कप का मैच याद है। अगर अफरीदी बल्लेबाजी के लिए आने बाकी रहते थे तो दूसरी टीमों में दहशत रहती थी। अगर उन्होंने 10-15 गेंदें भी खेल लीं, तो उनमें वो काबिलियत है कि वह मैच को डीप ले जाएं।"
हरभजन सिंह ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल को याद करते हुए कहा, "इरफान पठान और अफरीदी में कुछ बहस हुईं। पहली बार जो अफरीदी ने खेली वो इरफान ने बाउंसर फेंकी और फिर कुछ कहा। अगली गेंद अफरीदी ने बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की और अपना विकेट खो दिया। जैसे ही वह आउट हुए। आधा काम हो गया था।"
2011 में भी हुआ था ऐसा
हरभजन सिंह ने साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप में खेले गए सेमीफाइनल मैच को भी याद किया। हरभजन ने कहा, "2011 वर्ल्ड कप में, पहली गेंद मैंने अफरीदी को यॉर्कर फेंकी। अगली गेंद उन्होंने छोड़ दी। मैं जानता था कि अब वह बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करेंगे। वह बड़ा शॉट खेलने गए और आउट हो गए। वहां से हम जानते थे कि हम मैच नहीं हारेंगे। वो ऐसे खिलाड़ी थे जो कहीं से भी मैच जिता सकते थे।"
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