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Ind vs Aus: मेलबर्न के कप्तानी 'टेस्ट' में अजिंक्य रहाणे अव्वल नंबर से पास, हर मोर्चे पर साबित हुए बीस

आक्रामक हुए बिना शांत रहते हुए मैच को पढ़ना और उसके मुताबिक विरोधी टीम के खिलाफ सही फैसला करने से ही जीत मिलती है यह रहाणे ने करके बताया। भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया कमान संभालते हुए रहाणे ने संभाली।

By Viplove KumarEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2020 01:02 PM (IST)
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भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे और बल्लेबाज शुभमन गिल (फोटो ट्विटर पेज BCCI)

नई दिल्ली, जेएनएन। अजिंक्य का मतलब होता है अजेय, ऐसा जिसको हराया नहीं जा सकता। बतौर कप्तान अब तक रहाणे भी टेस्ट में अजेय हैं। उन्होंने महज तीन मैचों में ही भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की है लेकिन हर मैच में जीत हासिल की है। आक्रामक दिखाए बिना शांत रहते हुए मैच को पढ़ना और उसके मुताबिक विरोधी टीम के खिलाफ सही फैसला करने से ही जीत मिलती है यह रहाणे ने करके बताया है। भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया की कमान संभालते हुए रहाणे ने अपने अनुभव से जता दिया टीम सुरक्षित हाथों में है।

एडिलेड टेस्ट में शर्मनाक हार झेलकर का आ रही भारतीय टीम ने रहाणे की कप्तानी में जोरदार वापसी की और मेलबर्न में 8 विकेट से जीत हासिल की। इस मैच में कप्तान ने शतक जमाया और प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए। मैच के दौरान रहाणे की रणनीति के दिग्गज भी कायल नजर आए। पहले दिन से ही उन्होंने जैसे फैसले लिए उसने मेजबान टीम पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था और नतीजा जीत के तौर पर भारत को मिला।

सटीक फैसला, रिव्यू लेने में आत्मविश्वास

रहाणे ने मैच के पहले दिन 11वां ओवर स्पिनर आर अश्विन को दिया और इसका फायदा टीम को विकेट के रूप में मिला। मेलबर्न की पिच में नमी थी लेकिन रहाणे ने अपने अनुभव के आधार पर स्पिनर से गेंद कराने का फैसला लिया। उनके इस शानदार फैसले के बाद अश्विन ने अपने पहले स्पेल में ही मैथ्यू वेड और स्टीव स्मिथ को आउट कर दिया। हालांकि विराट कोहली आमतौर पर स्पिनर को पहले दिन के शुरुआती सेशन में गेंद नहीं थमाते हैं, लेकिन रहाणे ने अलग सोच अपनाई। इसका फायदा भी भारत को जल्द विकेट में मिला। 

मैदान पर रिव्यू लेने का फैसला कप्तान का होता है और मैच में वह इसको लेकर आत्मविश्वास से भरे नजर आए। रहाणे ने विकेट के पीछे से लगातार अपील और रिव्यू लेने को उत्साहित रिषभ पंत को कई बार रोका। एक तरफ जहां विराट कोहली कप्तानी करते वक्त बाकी खिलाड़ियों से पूछते हैं तो यहां रहाणे ने बाकी खिलाड़ियों को कई मौकों पर बताया कि रिव्यू की जरूरत नहीं पड़ेगी।

बल्लेबाजी में उठाई जिम्मेदारी, रन आउट होने पर दिखाई खेल भावना

रहाणे जब पहली पारी में बल्लेबाजी करने आए थे तो टीम मुश्किल में थी लेकिन उन्होंने यहां अपना अनुभव दिखाया। कप्तान ने यहां शानदार शतक जमाया और टीम को मुश्किल से निकाला। 112 रन की पारी खेलने के बाद जब वह रवींद्र जडेजा के साथ तालमेल की कमी की वजह से रन आउट हुए तो गुस्सा नहीं हुए। मैदान से जाते-जाते उन्होंने जडेजा को गलती के लिए पछताने की जगह बल्लेबाजी पर ध्यान देने कहा। एक सच्चे नायक की तरह उन्होंने अपने साथी का हौसला बढ़ाया।

दूसरी तरफ पहले टेस्ट मैच में रहाणे के साथ तालमेल की कमी होने पर रनआउट होकर वापस जाते हुए विराट कोहली नाराज नजर आए थे। रहाणे ने मैच के बाद इस बात का भी जिक्र किया कि उन्होंने कप्तान से इस रन आउट के लिए माफी मांगी थी।