Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ind vs SA: बाएं हाथ के स्पिन आलराउंडर के अधिक विकल्प होना भारत के लिए अच्छी खबर- गावस्कर

Ind vs SA सुनील गावस्कर ने इशान किशन और श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी की तारीफ की तो वहीं उन्होंने संजू सैमसन को आकर्षक और विध्वंसक बल्लेबाज करार दिया। उन्होंने कहा कि बतौर कप्तान शिखर धवन बेहद प्रभावशाली रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 08:03 AM (IST)
Hero Image
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर (एपी फोटो)

सुनील गावस्कर का कालम 

रांची में झारखंड क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय टीम की बल्लेबाजी की गहराई का सुबूत साफ नजर आया, जहां टीम ने दक्षिण अफ्रीका से मिला मुश्किल लक्ष्य कई विकेट और काफी ओवर रहते हासिल कर लिया। श्रेयस अय्यर ने बेहतरीन शतक लगाया जबकि स्थानीय बल्लेबाज इशान किशन बेहद करीबी अंतर से चूक गए। संजू सैमसन ने भी सहज और संतुलित पारी से एक बार फिर दिखाया कि आखिर क्यों वह एक आकर्षक और विध्वंसक बल्लेबाज हैं। शुभमन गिल जो एक बड़ी पारी की ओर बढ़ते नजर आ रहे थे, उन्हें कैगिसो रबादा के कैच ने पवेलियन भेज दिया जबकि कप्तान शिखर धवन फिर से असफल रहे।

धवन की विफलता से वैसे तो खतरे की घंटी बजती लेकिन टीम इंडिया के पास अपने मौके का इंतजार कर रहीं प्रतिभाएं इतनी अच्छी हैं कि किशन और अय्यर ने जिम्मेदारी उठाई और धवन के रनों की कमी को बिल्कुल भी महसूस नहीं होने दिया। एक कप्तान के तौर पर धवन काफी प्रभावशाली रहे। वह गेंदबाजों के साथ खड़े दिखे और जब उन्हें रन भी पड़े तब उनका हौसला बढ़ाते व कंधे पर हाथ रखते हुए नजर आए। इसका नतीजा ये रहा कि गेंदबाजों ने विश्वास नहीं खोया और तुरंत ही अपने खेल का स्तर भी उठाया। उनके हमेशा खुश रहने वाले दिलकश अंदाज ने भी माहौल बदलने का काम किया।

उनसे एक गलती जरूर हुई जब उन्होंने मार्करैम के विरुद्ध अच्छी गेंदबाजी कर रहे कुलदीप यादव को आक्रमण से हटा दिया जबकि कुलदीप कई बार मार्करैम को आउट कर चुके हैं। इसके अलावा उनकी कप्तानी में फील्ड पर सकारात्मक ऊर्जा नजर आई। पदार्पण कर रहे शाहबाज अहमद प्रभावित करने में कामयाब रहे और ज्यादा मौके मिलने से वह बेहतर ही होंगे। ये देखना सुखद है कि भारत के पास बाएं हाथ के ऐसे स्पिनरों के कई विकल्प हैं जो मध्यक्रम में उपयोगी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। ये भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की गहराई का एक और उदाहरण है। दूसरे मैच में नई गेंद के गेंदबाज ने भी बेहतरीन काम किया। खासकर मोहम्मद सिराज हर गेंद पर बल्लेबाजों से सवाल पूछते नजर आए। आवेश खान ने भी लखनऊ मैच के बाद अच्छी वापसी की तो शार्दुल ठाकुर हमेशा की तरह भरोसेमंद रहे।

दूसरे मैच से ठीक पहले दक्षिण अफ्रीकी कप्तान बावुमा के नाम वापस लेने से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उनकी जगह टीम में शामिल किए गए रीजा हेंड्रिक्स ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक लगाया और मार्करैम के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी कर ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया ताकि फार्म में चल रहे क्लासेन और डेविड मिलर टीम को 300 रनों के आंकड़े तक पहुंचा सकें।

हालांकि ऐसा हो नहीं सका क्योंकि भारतीय गेंदबाजों ने जबरदस्त गेंदबाजी की और मिलर जो मैच से एक दिन पहले अपने सबसे युवा प्रशंसकों में से एक को खो चुके थे वो इस आघात से प्रभावित दिखे और गेंद को उस तरह से हिट करने में नाकाम रहे जैसे कि वो पिछले मैचों में करते दिखे थे। दिल्ली में होने वाले निर्णायक मुकाबले के लिए बावुमा फिट करार दिए जाते हैं तो टीम के साथ एक अजीब हालात पैदा हो जाएंगे। खुशकिस्मती है कि भारत के सामने ऐसी कोई समस्या नहीं है। अगर कोई दिक्कत है भी तो वो अधिक विकल्प की है जो हमेशा एक अच्छी स्थिति होती है।