IND vs SA: 'दक्षिण अफ्रीका में खेलना...' टेस्ट मैच से पहले राहुल द्रविड़ ने टीम को दिया गुरुमंत्र, खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
भारत 26 दिसंबर से 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। बॉक्सिंग डे पर शुरू होने वाला पहला टेस्ट सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में खेला जाएगा जबकि दूसरा टेस्ट 3 जनवरी से केप टाउन के न्यूलैंड्स में खेला जाएगा। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कुल 23 टेस्ट खेले हैं जिनमें वह केवल 4 ही जीत सका। यहां भारत ने एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने दक्षिण अफ्रीका में आगामी 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में सफलता पाने के लिए रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम को गुरुमंत्र दिया है। पहले टेस्ट मैच से पहले द्रविड़ ने माना कि दक्षिण अफ्रीका दौरा भारत के लिए सबसे कठिन स्थानों में से एक रहा है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि साउथ अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन करना असंभव नहीं है।
बता दें कि भारत 26 दिसंबर से 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। बॉक्सिंग डे पर शुरू होने वाला पहला टेस्ट सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में खेला जाएगा, जबकि दूसरा टेस्ट 3 जनवरी से केप टाउन के न्यूलैंड्स में खेला जाएगा। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कुल 23 टेस्ट खेले हैं, जिनमें वह केवल 4 ही जीत सका। यहां भारत ने एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है।
नेट सत्र के बाद राहुल द्रविड़ ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सुपरस्पोर्ट पार्क में भारत के नेट सत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए राहुल द्रविड़ ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने हाल के दिनों में दक्षिण अफ्रीकी परिस्थितियों में कुछ अच्छे बल्लेबाजी प्रदर्शन किए हैं। उनका मानना है कि यहां खेलना असंभव नहीं है।यह भी पढ़ें- IND vs SA: नेट्स में Virat Kohli की बल्लेबाजी देख साउथ अफ्रीकी खेमे में मची खलबली, तेज गेंदबाजों की ली खूब खबर
'यहां खेलना असंभव नहीं'
यह भी पढे़ं- T20 World Cup से पहले इंग्लैंड का मास्टर स्ट्रोक, Kieron Pollard को नियुक्त किया सहायक कोचद्रविड़ ने कहा, आंकड़ों के रूप से यह सबसे कठिन देशों में से एक रहा है, लेकिन हमने कुछ अच्छे बल्लेबाजी प्रदर्शन भी किए हैं। ऐसा नहीं है कि यहां खेलना असंभव है, या यहां खेलना मुश्किल है। पिच पर उछाल अधिक होता है अन्य स्थानों की तुलना में। हो सकता है कि उनमें इंग्लैंड जितनी स्विंग न हो, कुछ विकेटों में ऑस्ट्रेलिया जैसी गति न हो, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, यह सब असमान हो सकता है।