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जय शाह ने पाकिस्तान को दे दिया जोर का झटका, हाथ से निकल सकती है एशिया कप 2023 की मेजबानी!

भारत और पाकिस्तान की टीमें दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण केवल एशिया कप और वैश्विक आयोजनों में एक-दूसरे से खेलती हैं। दोनों टीमों ने पिछले महीने एशिया कप में दो बार एक-दूसरे का सामना किया था। अब दोनों टीमें 23 अक्टूबर को मेलबर्न में भिड़ेंगी।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Tue, 18 Oct 2022 07:33 PM (IST)
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भारत व पाकिस्तान के खिलाड़ी मैच के दौरान (एपी फोटो)
मुंबई, प्रेट्र। बीसीसीआइ के सचिव जय शाह ने साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट टीम अगले साल एशिया कप न्यूट्रल वेन्यू पर खेलेगी। उन्होंने साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप 2023 में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी और इस टूर्नामेंट का आयोजन बीसीसीआइ तटस्थ स्थान पर कराए जाने की मांग करेगी। एशिया कप 2023 का आयोजन वनडे प्रारूप में किया जाएगा। भारत में अगले साल वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है और इससे पहले एशिया कप का आयोजन होना है जिसकी मेजबानी पाकिस्तान के हाथों में है, लेकिन बीसीसीआइ की एजीएम से बाद जय शाह ने साफ कर दिया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी और तटस्थ स्थान पर खेलेगी। 

जय शाह को इस एजीएम में दूसरे कार्यकाल के लिए सचिव के रूप में फिर से चुना गया। वह एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के भी अध्यक्ष हैं। इससे पहले भी एशिया कप का आयोजन तटस्थ स्थल पर हो चुका है। मेजबान श्रीलंका ने आर्थिक संकट के बीच एशिया कप 2022 की मेजबानी करने में असमर्थता जताई थी जिसके बाद इसका आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में किया गया था और श्रीलंका की टीम फाइनल में पाकिस्तान को हराकर चैंपियन बनी थी। भारत और पाकिस्तान की टीमें दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण केवल एशिया कप और वैश्विक आयोजनों में एक-दूसरे से खेलती हैं। दोनों टीमों ने पिछले महीने एशिया कप में दो बार एक-दूसरे का सामना किया था। अब दोनों टीमें 23 अक्टूबर को मेलबर्न में भिड़ेंगी।

एजीएम में बताया गया कि बीसीसीआइ के खजाने में पिछले तीन वर्षों में लगभग 6000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। निवर्तमान कोषाध्यक्ष और आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के नये अध्यक्ष अरुण धूमल ने राज्य इकाइयों को सूचित किया कि पिछले तीन वर्षों में बीसीसीआइ का खजाना 3648 करोड़ रुपये से बढ़कर 9629 करोड़ रुपये हो गया है। गांगुली के नेतृत्व वाले प्रशासन ने 2019 में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के 33 महीने के कार्यकाल के बाद कार्यभार संभाला था। 

धूमल ने यहां अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा टीम ने 2019 में जब बीसीसीआई की बागडोर संभाली, तब उसके खजाने में 3648 करोड़ रुपये थे। आज इसके खजाने में 9629 करोड़ रुपये का कोष है। उन्होंने कहा कि राज्य संघों को दी जाने वाली रकम में पांच गुना इजाफा हुआ है। सीओए के कार्यकाल के समय राज्य संघों को 680 करोड़ रुपये दिये जाते थे जो अब बढ़कर 3295 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।