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पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने बताई आपबीती, बोले- पूरी जिंदगी रंगभेद झेला है

भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर और मौजूदा क्रिकेट कमेंटेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पूरी जिंदगी रंगभेद झेला है। इस बात के लिए उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया है और एक कमेंट को रिट्वीट करते हुए उन्होंने ऐसा लिखा है।

By Vikash GaurEdited By: Updated: Mon, 29 Nov 2021 08:09 AM (IST)
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Laxman Sivaramakrishnan पूर्व क्रिकेटर हैं (फोटो ANI)
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने जीवन भर 'रंग के कारण भेदभाव' का सामना किया है जो उनके अपने देश में भी किया गया है। शिवरामकृष्णन भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे खेल चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट को सुर्खियों में लाने वाले नस्लवाद प्रकरण के संदर्भ में अपने अनुभव को साझा किया।

शिवरामकृष्णन ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "मैंने अपनी पूरी जिंदगी रंग के कारण भेदभाव और आलोचना का सामना किया, इसलिए यह मुझे अब परेशान नहीं करता। दुर्भाग्य से यह मेरे अपने देश में हुआ।" पूर्व लेग स्पिनर उस ट्विटर पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कमेंटेटरों पर आनलाइन ट्रोलिंग का संकेत दिया गया था।

शिवरामकृष्णन ही एकमात्र भारतीय खिलाड़ी नहीं हैं, जिन्होंने भेदभाव किए जाने के बारे में बात की है बल्कि, तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने भी 2017 में इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था। मुकुंद भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेल चुके हैं।

उन्होंने ट्विटर पेज पर एक बयान पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, "मैं 15 साल की उम्र से देश के अंदर और बाहर यात्रा करता रहा हूं। जब से मैं युवा था, तब से ही लोगों की मेरी त्वचा के रंग के प्रति सनक मेरे लिए हमेशा रहस्य बनी रही है। जो भी क्रिकेट का अनुसरण करता है, वह इसे समझेगा। मैं धूप में पूरे दिन ट्रेनिंग करता और खेलता रहा हूं और कभी भी एक बार भी मुझे त्वचा के रंग के गहरे (टैन) होने का पछतावा नहीं हुआ है।" पिछले साल पूर्व भारतीय और कर्नाटक के तेज गेंदाबज डोडा गणेश ने भी नस्लवाद का मुद्दा उठाया था।