गर्मी और नमी के कारण शमी काफी थके हुए नजर आ रहे थे। ऐसे में जब वे ब्रेक के बाद वापस आए तो उन्होंने अपनी गेंद से कमाल किया। शमी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया और 51 रन देकर पांच विकेट लिए।
गर्मी पर बोले शमी-
ऐसे में शमी ने कड़कती गर्मी में पहले स्पेल में थकावट के बावजूद दो और स्पेल कैसे डाले? मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शमी ने जवाब देते हुए कहा कि "गर्मी एक भूमिका निभाती है और हम इंसान हैं। यह हमारे शरीर पर असर डाल सकती है, लेकिन इसे लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद, मुझे इससे निपटने की निपटने की आदत हो गई है। जब पिच से मदद नहीं मिलती तो आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे आप तेज गेंदबाजों को छोटे स्पैल में गेंदबाजी करते हुए देख सकें।"
वर्ल्ड कप में शमी का खेलना मुश्किल-
शमी के वनडे वर्ल्ड कप में खेलने की उम्मीद काफी कम है। क्योंकि वनडे के नंबर 1 गेंदबाज सिराज अभी फॉर्म में हैं। लगातार आठ महीने तक लगातार क्रिकेट खेलने के बाद शमी को भी पूरे वेस्टइंडीज दौरे से आराम दिया गया था।
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घर पर ज्यादा प्रैक्टिस करते थे शमी-
इस पर शमी ने कहा कि "डब्ल्यूटीसी फाइनल 2023 के बाद ब्रेक जरूरी था। मैं लगातार 6-7 महीने से क्रिकेट खेल रहा था। मुझे लगा कि मेरे शरीर को आराम चाहिए। मैंने कोच और कप्तान के साथ इस पर चर्चा करके आराम करने का फैसला किया। लेकिन मेरा आराम आराम जैसा नहीं था। मेरे घर पर जिस तरह का सेटअप है, मैं भारतीय टीम के साथ होने की तुलना में घर पर ज्यादा प्रैक्टिस करता हूं।"
रोटेशन पॉलिसी में कोच का रोल अहम-
रोटेशन पॉलिसी पर बात करते हुए शमी ने कहा कि"कोच खिलाड़ियों को परिस्थितियों के अनुसार रोटेट करने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह सामने वाले पर भी निर्भर करता है। मुझे नहीं लगता कि हमें विश्व कप से पहले लगातार मैच खेलने की जरूरत है और जैसा कि आप देख सकते हैं हमें परिणाम भी मिल रहे हैं, इसलिए योजनाओं को बदलने की कोई जरूरत नहीं है।
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