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'बस उस दिन अगर 300 रन बने होते...' World Cup Final में टीम इंडिया की बल्लेबाजी को लेकर Mohammed Shami ने क्या कहा?

Mohammed Shami मोहम्मद शमी ने पत्रकारों ने बात करते हुए कहाहमने लगातार 10 मैच जीते। कोई ऐसी बात नहीं थी जिससे खिलाड़ियों का मनोबल कम हो। बस वो दिन हमारा नहीं था। ओस से विकेट धीमी हो जाती है तथा तेज गेंदबाजों को मदद नहीं मिली। यह भी एक प्रमुख कारण रहा। बड़े मैच का कोई दबाव नहीं था। हम खुले दिमाग से अपनी लय में खेल रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 23 Nov 2023 11:33 PM (IST)
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मोहम्मद शमी ने वर्ल्ड कप फाइनल मैच को याद करते हुए एक दिलचस्प बात बताई।(फोटो सोर्स: एपी)
जागरण संवाददाता, अमरोहा। World Cup Final 2023। विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि टीम टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में पहुंची थी और सभी खिलाड़ी पूरी तरह फिट थे, लेकिन वो दिन हमारा नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर स्कोर बोर्ड पर 300 रन होते तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता।

अगर 300 रन बने होते तो परिणाम कुछ और ही होता: शमी

शमी ने पत्रकारों ने बात करते हुए कहा,"हमने लगातार 10 मैच जीते। कोई ऐसी बात नहीं थी जिससे खिलाड़ियों का मनोबल कम हो। बस वो दिन हमारा नहीं था। ओस से विकेट धीमी हो जाती है तथा तेज गेंदबाजों को मदद नहीं मिली। यह भी एक प्रमुख कारण रहा। बड़े मैच का कोई दबाव नहीं था। हम खुले दिमाग से अपनी लय में खेल रहे थे। दिन-रात्रि मैच में हमेशा शाम को बल्लेबाजी अच्छी होती है। पिच धीमी हो जाती है। अगर 300 रन बने होते तो परिणाम कुछ और ही होता।'

पहले चार मैच में न खेलने के बारे में उन्होंने कहा, 'बस हमें जीत से मतलब था। सभी बेहतर कर रहे थे। मुझे मौका मिला तो मैंने टीम के लिए बेहतर किया।'ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मिशेल मार्श द्वारा ट्राफी पर पैर रखे जाने के बारे में

शमी ने कहा, 'अगर यह सही है तो वाकई में तकलीफदेह है। जो चीज सिर पर रखते हैं उस पर पैर रखे हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए।'

गेंद के बयान को लेकर शमी ने क्या कहा?

विश्व कप के मैचों के दौरान पाकिस्तान के खिलाड़ियों व जनता द्वारा भारतीय गेंदबाजों को दी जाने वाले गेंद के बारे में तरह-तरह के बयान आ रहे थे। इस बारे में शमी से पूछा तो उन्होंने हंस कर जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान की जनता के बारे में क्या ही कहें। उनकी सोच ही वैसी है।

यूपी में मेरे साथ भेदभाव हुआ था: शमी

शमी से जब उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) को लेकर उनके द्वारा दिए गए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे व परिवार के संघर्ष को भी देखो। उस समय मेरे साथ उत्तर प्रदेश में भेदभाव हुआ था। मुझे व मेरे भाई से स्पष्ट कह दिया गया था कि लड़के में दम है, लेकिन चयन नहीं कर सकते। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि उप्र में उनके साथ न्याय नहीं हुआ था। गुरुवार को दैनिक जागरण ने उनसे इस मुद्दे पर बात की तो शमी ने फिर वही बात दोहराई।

उन्होंने कहा, 'आज मैं जहां हूं वह मेरी मेहनत है। मेरी मेहनत कोई नहीं देख रहा। मेरे साथ संघर्ष के दिनों में क्या हुआ वह सिर्फ मैं व मेरा परिवार जानता है। फाइनल राउंड में मुझे लगातार दो बार बाहर किया गया था। मैं गांव से निकल कर बाहर गया था। मेरे पास संसाधन नहीं थे, सिफारिश नहीं थी। बस क्रिकेट खेलने का जुनून था।' 

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