IPL में खेलने को बेकरार है पाकिस्तान का स्टार तेज गेंदबाज, बोले- भविष्य में मौका मिला तो जरूर मचाना चाहूंगा धमाल
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हसन अली ने आईपीएल में खेलने की इच्छा जताई है। हसन का कहना है कि आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी लीग में से एक है और हर खिलाड़ी इसमें खेलना चाहता है। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास के चलते पड़ोसी मुल्क के खिलाड़ी आईपीएल में खेलते हुए नजर नहीं आते हैं। पहले सीजन में पाकिस्तान के कई प्लेयर्स इस लीग का हिस्सा रहे थे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी लीग में की जाती है। वर्ल्ड क्रिकेट के हर खिलाड़ी की चाहत होती है कि वो आईपीएल के मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करे। राशिद खान, हार्दिक पांड्या और ना जाने ऐसे ही कितने ही खिलाड़ियों के नाम हैं, जिनकी किस्मत का ताला आईपीएल के रंगमंच में आकर खुला। यही वजह है कि पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हसन अली भी इस लीग में अपने हुनर का प्रदर्शन करना चाहते हैं। हसन अली ने आईपीएल में खेलने की इच्छा भी जताई है।
आईपीएल में खेलने को बेकरार हसन अली
हसन अली ने पाकिस्तान के चैनल समा टीवी पर बातचीत करते हुए आईपीएल में खेलने को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, "हर खिलाड़ी आईपीएल में खेलना चाहता है और मेरी भी इस लीग में खेलने की ख्वाहिश है। यह दुनिया की सबसे बड़ी लीग में से एक है और अगर मुझे भविष्य में मौका मिलेगा तो मैं जरूर खेलना चाहूंगा।" भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास के चलते पड़ोसी मुल्क के खिलाड़ी आईपीएल में खेलते हुए नजर नहीं आते हैं।
पहले सीजन में खेले थे पाकिस्तानी प्लेयर्स
आईपीएल के पहले सीजन यानी 2008 में पाकिस्तान के कई प्लेयर्स इस लीग का हिस्सा रहे थे। शोएब अख्तर, शोएब मलिक, शाहिद अफरीदी, हफीज जैसे कई बड़े नाम इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन में अपना दमखम दिखाते हुए नजर आए थे।
हालांकि, इसके बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते काफी बिगड़ गए और पड़ोसी मुल्क के प्लेयर्स का इस लीग में खेलना बैन हो गया। सिर्फ आईपीएल ही नहीं, बल्कि इसके बाद इंटरनेशनल लेवल पर भी दोनों देशों के बीच कोई भी बाइलेटरल सीरीज नहीं खेली गई है।
वर्ल्ड कप में रहा निराशाजनक प्रदर्शन
भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत सिर्फ आईसीसी या एशियन टूर्नामेंट में ही होती है। वर्ल्ड कप 2023 में हिस्सा लेने पाकिस्तान की टीम भारत 10 साल बाद आई थी। हालांकि, टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और बाबर की सेना सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही।