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टीम इंडिया को विदेशी कोचों की जरूरत नहीं, राहुल द्रविड़ के दोस्त ने क्या कह दिया, BCCI मानेगी बात?

राइट के बाद ग्रैग चैपल टीम इंडिया के कोच बने। उनके बाद गैरी कर्स्टन ने टीम की बागडोर संभाली और उनके रहते भारत वनडे वर्ल्ड कप का चैंपियन बना। उनके बाद फ्लेचर आए। फ्लेचर के बाद ये चलन खत्म हुआ लेकिन द्रविड़ के कार्यकाल के ख्तम होने से पहले फिर एक बार ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीसीसीआई कुछ विदेशी कोचेस की तरफ देख रही है।

By Abhishek Nigam Edited By: Abhishek Nigam Updated: Thu, 23 May 2024 07:11 PM (IST)
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राहुल द्रविड़ से बातचीत करते हुए बीसीसीआई सचिव जय शाह
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में इस समय टी20 वर्ल्ड कप और आईपीएल की धूम है लेकिन साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि टीम इंडिया का अगला कोच कौन होगा? भारतीय टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल अगले महीने से शुरू हो रहे टी20 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो रहा है।

टीम इंडिया के अगले कोच की रेस में कई नाम हैं। इसमें रिकी पोन्टिंग का भी नाम आया था और स्टीफन फ्लेमिंग का भी। लेकिन टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर ने कहा है कि भारत को विदेशी कोचेस की जरूरत नहीं है और हमें उनके पीछे भागना बंद करना होगा।

राहुल द्रविड़ का कार्यकाल पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो गया था। लेकिन बीसीसीआई ने उनके कार्यकाल को टी20 वर्ल्ड कप तक के लिए बढ़ा दिया था। अब राहुल द्रविड़ ने भी बता दिया है कि वह आगे कार्यकाल नहीं बढ़ाएंगे। ऐसे में टीम इंडिया के कोच की रेस भी इस समय चालू है जिसमें कई दिग्गजों के नाम चल रहे हैं।

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'हमारे पास भी अच्छे कोच'

टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव ने लीजेंड्स इंटरकॉन्टिनेंटल टी20 लीग के लॉन्च के मौके पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के पास अच्छे कोच हैं और इसलिए हमें विदेश से कोच लाने की जरूरत नहीं है।

उन्‍होंने कहा, "जब भी कोच की बात होती है हमने देखा है कि राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण भाई ने कमी पूरी की है। हमारे पास कई कोच रहे हैं जिन्होंने एनसीए से आकर काम किया है। मुझे हमेशा से लगता है कि हमें बाहर के कोचेस की जरूरत नहीं है। इतने सारे हमारे खिलाड़ी हैं जो अच्छी कोचिंग कर रहे हैं। हमारी अंडर-19 टीम हर दूसरे साल वर्ल्ड चैंपियन बन रही है। इंडिया-ए की टीम जहां जाती है अच्छा कर रही है। इन टीमों के साथ भारत के कोच ही होते है। मेरा तो पहला सवाल यही है कि हमें बाहर के कोच की जरूरत क्यों है?''

राहुल द्रविड़ के साथ टीम इंडिया में साथ खेलने वाले पार्थिव ने कहा, "हमारे पास जितने लोग हैं वह सक्षम लोग हैं। हमारे एनसीए में अच्छे कोच हैं। हमारी स्टेट टीम के कई कोच हैं जो सक्षम हैं। चंद्रकांत पंडित बहुत बड़ा उदाहरण हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि हमें बाहर के कोच की जरूरत है।"

ऐसा है भारत के कोचेस का इतिहास

देखा जाए तो भारतीय टीम के पिछले तीन कोच जो रहे हैं वो भारत से ही रहे हैं। भारत के आखिरी विदेशी कोच डंकन फ्लैचर थे लेकिन उनके बाद अनिल कुंबले ने टीम की बागडोर संभाली। कुंबले के बाद रवि शास्त्री लंबे समय तक टीम के कोच रहे और अब राहुल द्रविड़ के हिस्से ये जिम्मेदारी है।

हालांकि पहले बीसीसीआई विदेशी कोचों को तवज्जो देती थी। 2001 में न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज जॉन राइट को टीम का कोच बनाया गया जो भारत के पहले विदेशी कोच थे। राइट के रहते टीम ने अच्छा किया और तभी से विदेशी कोच लाने की दौड़ शुरू हो गई।

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