'ये बैचेन करेगा...', Team India के एशिया कप ट्रॉफी नहीं लेने पर पूर्व पाक कप्तान ने दी चेतावनी
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शोएब मलिक ने भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा एशिया कप ट्रॉफी नहीं लेने पर प्रतिक्रिया दी है। भारत ने पाकिस्तान को हराकर 9वीं बार एशिया कप जीता लेकिन टीम इंडिया ने पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया। मलिक ने कहा कि ट्रॉफी न लेना सही नहीं है और यह उन्हें भविष्य में परेशान कर सकता है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Shoaib Malik India not Lifted Asia Cup Trophy: पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शोएब मलिक ने भारतीय क्रिकेट टीम के एशिया कप ट्रॉफी नहीं लेने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर 9वीं बार एशिया कप का खिताब जीता। लेकिन इस जीत के बाद टीम इंडिया ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद नकवी ट्रॉफी और मेडल अपने साथ ले गए और टीम इंडिया बिना ट्रॉफी लिए ही होटल लौट गई।
Shoaib Malik ने भारत को दी चेतावनी
दरअसल, एशिया कप 2025 में सुपर-4 मैच के दौरान पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने विमान गिरने जैसा इशारा किया था, जिसे भारत के सैन्य ऑपरेशन्स पर तंज माना गया। इसके बाद मोहसिन ने फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का वीडियो पोस्ट करके मामले को और उछालने की कोशिश की थी। वहीं, जब हारिस पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगा तो नकवी ने अपनी जेब से उसे फाइनल को भरने का फैसला किया था।
इस पूरे ही टूर्नामेंट में भारतीय टीमों ने पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया और दूरी बनाए रखी। फाइनल मैच जीतने के बाद भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया।
अब भारत के ट्रॉफी नहीं लेने के फैसले पर पूर्व पाक कप्तान शोएब मलिक (Shoaib Malik on India Not lifted Asia Cup Trophy) ने कहा,
"सोचिए खिलाड़ियों ने एशिया कप जीतने के लिए कितना दबाव झेला, कितनी गर्मी में खेला, कितनी मेहनत की। उन्होंने इतना पसीना बहाया किसलिए? ट्रॉफी जीतने के लिए, टूर्नामेंट जीतने के लिए। और इतनी मेहनत करने के बाद आप ट्रॉफी लेने भी नहीं आते। ये सही नहीं है।"
उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा,
"आज भले ही वे इसे जश्न की तरह मना रहे हों, लेकिन आने वाले वक्त में यह उन्हें परेशान करेगा। उन्हें याद आएगा कि हमने ट्रॉफी जीती थी, इतनी मेहनत की थी। खिलाड़ी और एथलीट का काम होता है मैदान में आकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना, बस वहीं तक।"
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