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T20WC 2022: विश्व कप ने दिखाया, सफल होने के लिए अच्छा क्षेत्ररक्षण जरूरी : सुनील गावस्कर

T20 World Cup 2022 सुनील गावस्कर ने कहा कि आइपीएल में न केवल बहुत पैसा है बल्कि ग्लैमर भी है जो एक बड़ा आकर्षण है। यह एक खिलाड़ी को इस प्रारूप में अंतरराष्ट्रीय मैच छोड़ने पर विवश कर सकता है।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Mon, 14 Nov 2022 07:54 AM (IST)
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भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी (एपी फोटो)

सुनील गावस्कर का कालम

एक भारतीय क्रिकेटर होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लाखों देशवासियों का प्यार अच्छे और बुरे समय, उतार-चढ़ाव में मिलता है। प्रत्येक खिलाड़ी जो कुछ वर्षों तक भारत के लिए खेल चुका है, वह इसकी पुष्टि करेगा। मानव स्वभाव को देखते हुए, कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो किसी विशेष खिलाड़ी को पसंद नहीं करते होंगे और यह भी नहीं चाहते होंगे कि वह अच्छा करे। फिर जब वह खिलाड़ी अच्छा नहीं करेगा तो वैसे लोग टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाएंगे।

आइसीसी टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी इंग्लैंड से अप्रत्याशित हार के बाद, टीम के कुछ खिलाड़ी इसका सामना कर रहे हैं और यह शोर कम से कम तब तक और रहेगा, जब तक भारत न्यूजीलैंड में अपना पहला मैच नहीं खेलता। इस टीम में कुछ ऐसे वरिष्ठ खिलाड़ी नहीं हैं जिन्हें चयन समिति ने समझदारी दिखाते हुए तनावपूर्ण विश्व कप के बाद आराम दिया है। टीम के कुछ युवाओं के लिए न्यूजीलैंड में यह दिखाने का एक शानदार अवसर है कि वे सीनियर्स का कमान संभालने के लिए तैयार हैं, जिनमें से कुछ निश्चित रूप से खेल के इस प्रारूप में अपने भविष्य पर विचार कर रहे होंगे। खेल का यह प्रारूप चूंकि सिर्फ 20 ओवर का खेल है। अधिकांश खिलाड़ियों के लिए इसका भौतिक भाग आसान है, लेकिन यह मानसिक पक्ष है जो अन्य प्रारूपों की तुलना में कई गुना अधिक है।

आइपीएल में न केवल बहुत पैसा है बल्कि ग्लैमर भी है जो एक बड़ा आकर्षण है। यह एक खिलाड़ी को इस प्रारूप में अंतरराष्ट्रीय मैच छोड़ने पर विवश कर सकता है। विश्व कप ने भारत को जो दिखाया है वह यह कि खेल के इस प्रारूप में सफल होने के लिए अच्छे क्षेत्ररक्षण का कोई जोर नहीं है। हां, बेशक हर टीम को शीर्ष बल्लेबाजों, विस्फोटक फिनिशरों और कुशल गेंदबाजों की जरूरत होती है, जो लगातार विपक्ष के दबाव का सामना कर सकें, लेकिन अगर टीम के पास अच्छे क्षेत्ररक्षक नहीं हैं जो बाउंड्री को रोकेंगे, असाधारण कैच लेंगे, शानदार रन आउट करेंगे, टीम बड़े मैच में संघर्ष करेगी। उन टीमों पर एक नजर डालें जिन्होंने 1983 और 2011 विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्राफी और 2007 में पहला टी-20 विश्व कप जीता था तो आप पाएंगे कि उन टीमों को शायद कमजोर क्षेत्ररक्षक को छिपाना पड़ा, जबकि वर्तमान टीम के पास एक से अधिक धीमी गति से चलने वाला क्षेत्ररक्षक था।

जब तक ये खिलाड़ी बल्लेबाजी या गेंदबाजी में शीर्ष प्रदर्शन नहीं करते हैं और अपने क्षेत्ररक्षण कौशल की कमी को पूरा नहीं करते हैं, टीम हमेशा एक माइनस स्कोर के साथ शुरुआत करेगी। भविष्य के किसी भी टीम चयन को किसी और चीज से पहले केवल इस पहलू पर विचार करना चाहिए। सौभाग्य से, चयनकर्ताओं को टीम का चयन करने के लिए साल के अंत तक बैठक नहीं करनी होगी। न्यूजीलैंड और बांग्लादेश दौरों के लिए अगले दो महीनों तक टीमों का चयन पहले ही किया जा चुका है। बीसीसीआइ के लिए पूर्ण पांच सदस्यीय चयनसमिति की घोषणा करना भी जरूरी है, क्योंकि पिछले आठ या नौ महीनों से अभय कुरुविला के बीसीसीआई मुख्यालय में महाप्रबंधक बनने के बाद से सामान्य पांच के बजाय केवल चार चयनकर्ता हैं।

हालांकि, इन अंतिम महीनों में किसी भी खिलाड़ी के चयन के लिए टाई नहीं हुई है, लेकिन भारत के सबसे पसंदीदा खेल के लिए पूर्ण चयनसमिति का होना हमेशा अच्छा होता है। आइसीसी प्रतियोगिताओं में पिछले नौ साल से भारतीय क्रिकेट टीम ने एक भी ट्राफी नहीं जीती है, लेकिन जीवन की तरह, जैसे दिन रात के अंधेरे के बाद आता है, मेरे जैसे लाखों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को आशा है कि हमारी प्यारी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आने वाले दिन सबसे उज्ज्वल होंगे।