Shubman Gill Maiden Mentury: आखिरकार शुभमन गिल ने बना ही ली पहली इंटरनेशनल सेंचुरी, कितनी बार रहे 'अनलकी'
Shubman gill completes maiden International century सोमवार (22 अगस्त) को आखिरकार शुभमन के बल्ले ने अपने पहले इंटरनेशनल शतक के इंतजार को खत्म कर लिया। जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मैच में इस युवा ने शतकीय पारी खेली।
By Viplove KumarEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 04:23 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर शुभमन गिल ने टीम इंडिया में जगह पक्की करने के लिए मिले हर मौके का भरपूर फायदा उठाया है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज के बाद अब जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने अपना दम दिखाया। सोमवार (22 अगस्त) को आखिरकार शुभमन के बल्ले ने अपने पहले इंटरनेशनल शतक के इंतजार को खत्म कर लिया। जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मैच में इस युवा ने शतकीय पारी खेली।
जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मुकाबले में गिल का बल्ला एक बार फिर से चला। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और कप्तान केएल राहुल के साथ शिखर धवन भी विकेट गंवा बैठे। यहां गिल ने अपनी क्लास दिखाते हुए एक छोर पर टिककर पारी आगे बढ़ाई। एक छोर पर विकेट गिरते रहे लेकिन इस युवा ने एक तरफ टीम के स्कोर को आगे बढ़ाना जारी रखा। दमदार शतक जमाते हुए टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया और करियर की पहली यादगार सेंचुरी भी पूरी कर ली।
शुभमन गिल का पहला इंटरनेशनल शतक
टेस्ट, और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया की तरफ से खेल चुके शुभमन का यह पहला इंटरनेशनल शतक रहा। 51 गेंद खेलने के बाद 6 चौके की मदद से उन्होंने अपनी फिफ्टी पूरी की। इसके बाद गियर बदला और बड़े शॉट्स लगाते हुए अगली 31 गेंद पर 50 रन और ठोक डाले 82 गेंद का सामना करने के बाद उन्होंने 12 चौके लगाते हुए अपने करियर की पहली सेंचुरी पूरी की।
टेस्ट और वनडे में रहे अनलकीगिल इससे पहले तीन बार शतक बनाने के करीब पहुंचे थे लेकिन वह इसे पूरा करने से चूक गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ब्रिसबेन में मिली ऐतिहासिक जीत में इस बल्लेबाज के चौथी पारी की गई बल्लेबाजी यादगार रही थी। गिल 91 रन बनाकर आउट हो गए थे और 9 रन से पहला शतक बनाते बनाते रह गए थे। बात वनडे की करें तो वेस्टइंडीज के खिलाफ 98 रन पर नाबाद लौटे। बारिश की वजह से मैच को रोका गया था और जब मैच शुरू हुआ तो भारत की पारी को वहीं खत्म करने का फैसला लिया गया। ऐसे शतक के करीब पहुंचकर भी वह इसे पूरा नहीं कर पाए थे।