Ranji Trophy: 90 साल के इतिहास में रेलवे ने सबसे बड़ा रन चेज हासिल किया, दो खिलाड़ियों ने बदल दिया पूरा खेल
रेलवे ने 90 साल के रणजी ट्रॉफी का इतिहास पलट दिया है। रेलवे ने रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़े लक्ष्य का सफल पीछा करने का नया रिकॉर्ड बनाया है। रेलवे ने एलीट ग्रुप सी के मुकाबले में त्रिपुरा के खिलाफ 378 रन के लक्ष्य का सफल पीछा किया। प्रथम सिंह और मोहम्मद सैफ ने दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर रेलवे के इतिहास रचने में अहम भूमिका निभाई।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। रेलवे ने सोमवार को अपना नाम इतिहास की किताब में दर्ज कराया जब उसने रणजी ट्रॉफी में एलीट ग्रुप सी के मुकाबले में सबसे बड़े लक्ष्य का सफल पीछा किया। त्रिपुरा के खिलाफ रेलवे ने 378 रन का लक्ष्य हासिल किया और नया रिकॉर्ड स्थापित किया। रेलवे की टीम अगरतला में सीजन का अपना आखिरी मुकाबला खेल रही थी, जिसमें उसने पिछड़ने के बाद वापसी की और इतिहास रच दिया।
मैच में अधिकांश समय रेलवे टीम दबाव में रही। रेलवे ने त्रिपुरा को केवल 149 रन पर समेट दिया था, लेकिन फिर खुद पूरी टीम 105 रन पर ऑलआउट हो गई। इसके बाद त्रिपुरा ने दूसरी पारी में 333 रन बनाकर रेलवे के सामने 378 रन का लक्ष्य रखा।
रणजी ट्रॉफी में बना रिकॉर्ड
रेलवे की टीम लक्ष्य का पीछा करते समय 31/3 के स्कोर पर संघर्ष कर रही थी। मगर फिर उसने दमदार खेल दिखाया और पांच विकेट से मैच जीत लिया। रणजी ट्रॉफी इतिहास में यह सबसे बड़ा सफल रन चेज रहा। रेलवे ने सौराष्ट्र का पांच साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जिसने उत्तर प्रदेश के खिलाफ 2019-20 में 372 रन का लक्ष्य हासिल किया था।यह भी पढ़ें: राजकोट में यशस्वी ही नहीं Cheteshwar Pujara का भी धमाका, ‘बैजबॉल’ अंदाज में ठोक डाला तूफानी शतक
रणजी ट्रॉफी इतिहास में सबसे बड़े सफल रन चेज
- रेलवे - 378/5 बनाम त्रिपुरा, 2024*
- सौराष्ट्र - 372/5 बनाम उत्तर प्रदेश, 2019-20
- असम - 371/4 बनाम सर्विसेज, 2008-09
- राजस्थान - 360/4 बनाम विदर्भ, 1989-90
- उत्तर प्रदेश - 359/4 बनाम महाराष्ट्र, 2021-22
रेलवे की जीत के हीरो
रेलवे को ऐतिहासिक जीत दिलाने में प्रथम सिंह और मोहम्मद सैफ ने अहम भूमिका निभाई। दोनों बल्लेबाजों ने शतक जमाए। 31/3 पर तीन विकेट गंवाने के बाद प्रथम सिंह और मोहम्मद सैफ ने मोर्चा संभाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 175 रन की साझेदारी करके टीम को 200 रन के पार पहुंचाया। सैफ ने आक्रामक रवैया अपनाया और 126 गेंदों में 14 चौके की मदद से 106 रन बनाए। ब्रिकमजीत ने सैफ को आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा।प्रथम सिंह ने फिर अरिंदम घोष के साथ पांचवें विकेट के लिए 118 रन की साझेदारी करके रेलवे को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। तब घोष पवेलियन लौट गए और रेलवे जीत से 54 रन दूर था। रेलवे ने फिर बिना किसी नुकसान के लक्ष्य हासिल किया। प्रथम सिंह 300 गेंदों में 16 चौके और एक छक्के की मदद से 169 रन बनाकर नाबाद लौटे। रेलवे ने भले ही इतिहास रचा हो, लेकिन वो ग्रुप सी में आगे क्वालीफाई करने से चूक गई।
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