Sanjay Manjrekar Interview: दिनेश कार्तिक के मैच फिनिश करने के तरीका एम एस धौनी से अलग- मांजरेकर
Sanjay Manjrekar Interview रोहित और हार्दिक के बीच तुलना करना फिलहाल सही नहीं होगा क्योंकि हार्दिक ने आइपीएल में पहली बार कप्तानी की है और रोहित कई वर्षो से कप्तान हैं और पांच बार खिताब भी जीता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कप्तानी की है।
By Sanjay SavernEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2022 07:08 PM (IST)
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर का कहना है कि इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज के पुनर्निर्धारित किए गए पांचवें टेस्ट मैच में केएल राहुल और अंजिक्य रहाणे की अनुपस्थिति में चेतेश्वर पुजारा का अधिक महत्व होगा। भारत को इंग्लैंड के विरुद्ध सीरीज खेलने के साथ ही हार्दिक पांड्या की अगुआई में आयरलैंड के साथ दो टी-20 मैच की सीरीज खेलनी है। इसका प्रसारण सोनी नेटवर्क पर किया जाएगा। इंग्लैंड और आयरलैंड के साथ होने वाली सीरीज को लेकर शोभित चतुर्वेदी ने संजय मांजरेकर से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :-
- भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच अब दो नए कप्तानों के बीच होगा। भारत सीरीज में आगे है, तो क्या उसके पास सीरीज पर कब्जा जमाने का मौका रहेगा?-- हां, भारत बिलकुल जीत हासिल कर सकता है क्योंकि इंग्लैंड को सबसे ज्यादा परेशान किसी टीम ने किया है तो वो आस्ट्रेलिया और भारत हैं। भारतीय टेस्ट टीम का विदेशों में रिकार्ड काफी सुधरा है, लेकिन राहुल द्रविड़ ने भी कहा है कि पिछले साल हुए टेस्ट मैचों की इंग्लैंड की टीम और मौजूदा टीम में थोड़ा सा फर्क है। इस टीम की ताकत थोड़ी बेहतर है, खासकर बल्लेबाजी में। बल्लेबाज बड़े स्कोर कर रहे हैं। जानी बेयरस्टो ने शतक जड़े हैं और बेन स्टोक्स फिर से टीम में वापस आ गए हैं तो उनकी बल्लेबाजी थोड़ी सी ज्यादा मजबूत है। भारत को यह फर्क महसूस होगा। पिछले दौरे के मुकाबले इस बार इंग्लैंड को हराना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन भारत में इंग्लैंड को हराने की पूरी क्षमता है।
- एक तरफ इंग्लैंड में रोहित शर्मा भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे, वहीं हार्दिक पांड्या आयरलैंड के विरुद्ध टीम की कमान संभालेंगे। इन दोनों की कप्तानी के बारे में क्या कहेंगे?-- रोहित और हार्दिक के बीच तुलना करना फिलहाल सही नहीं होगा क्योंकि हार्दिक ने आइपीएल में पहली बार कप्तानी की है और रोहित कई वर्षो से कप्तान हैं और पांच बार खिताब भी जीता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कप्तानी की है। दोनों में समानता काफी है। दोनों कप्तानी करते वक्त काफी कूल नजर आते हैं। दोनों कप्तानी का आनंद उठाते हैं और ज्यादा दबाव नहीं लेते। रोहित को तो हम काफी साल से देख रहे थे, लेकिन किसी को नहीं पता था कि हार्दिक इस भू्मिका में कैसे रहेंगे। लेकिन, हार्दिक ने जिस तरह कप्तानी की वो देखकर काफी अच्छा लगा और अपनी जिम्मेदारी को उन्होंने जिस तरह से निभाया उसे देखना सुखद था। हार्दिक को कप्तानी बोझ नहीं लग रही थी और वो इसका आनंद ले रहे थे। उनकी इस बात ने काफी प्रभावित किया।
- क्या आप हार्दिक को भविष्य में भारत के कप्तान के तौर पर देखते हैं?-- हां, बिलकुल देखते हैं और उन्होंने जिस तरह की कप्तानी की और टीम भी जीती उसे देखते हुए वह एक दावेदार भी बन गए हैं। लेकिन, कोई समस्या उनके बीच आएगी तो वो उनकी फिटनेस है। कई मैचों में उनको दिखाना होगा कि वह बिलकुल फिट हैं। जब फिटनेस उनकी सुधर जाएगी और हार्दिक लगातार खेलने लगेंगे तो जाहिर तौर पर कप्तानी के दावेदार बन जाएंगे।
- बीसीसीआइ ने दो अलग-अलग टीमों को दो अलग देशों के दौरे पर भेजा है। इसे लेकर आपकी क्या राय है?-- यह आज की असलियत है क्योंकि क्रिकेट बहुत ज्यादा बढ़ गया है और तीन प्रारूप हैं, इसलिए आप ऐसा कर सकते है। ऐसा नहीं है कि भारत को आयरलैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी है और भारत की दूसरी टीम इंग्लैंड के साथ टेस्ट खेलेगी। दोनों के प्रारूप अलग हैं, वहां मुझे नहीं लगता कि हैरानी की बात है। अगर आप टेस्ट टीम को देखें तो कई खिलाड़ी हैं जो टी-20 टीम में नहीं आएंगे। आइपीएल का प्रभाव अब दिख रहा है और टी-20 में प्रतिभाशाली क्रिकेटर की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर आपको दो टी-20 टीमें खिलानी है तो ऐसा संभव है, लेकिन दो टेस्ट टीम करना मुश्किल होगा। हालांकि, प्रारूप अलग होते हैं तो यह करना आसान हो जाता है।
- एमएस धौनी के बाद भारत को अब तक ऐसे फिनिशर की तलाश है जो अंत तक टिक कर टीम को जीत दिलाए। क्या दिनेश कार्तिक यह भूमिका सही तरीके से निभा रहे हैं?- धौनी का जो सीमित ओवर के क्रिकेट में योगदान है वो महान है, क्योंकि अंत तक वह मैच को लेकर जाते थे और जीत दिलाते थे। दिनेश कार्तिक जरूर एक फिनिशर की भूमिका निभा रहे हैं लेकिन दोनों के तरीके अलग हैं। धौनी धीरे-धीरे खेलकर अंत में ज्यादातर मैच जिताते थे और एक ही तरीके से नहीं खेलते थे। धौनी धीरे-धीरे खेलकर फिर अपना गियर बदलते थे। कार्तिक का तरीका अलग है और वह जोखिम लेते हैं। कार्तिक थोड़े समय के लिए आते हैं और आक्रामक होकर खेलते हैं। हमने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टी-20 में देखा कि कार्तिक ने 200 के स्ट्राइक रेट से रन बनाकर मैच जिताया था। यह कार्तिक की भूमिका है, लेकिन धौनी अलग तरह के फिनिशर थे। धौनी ने फिनिशर की भूमिका में वर्षो तक टीम को मैच जिताए और कार्तिक की इस भूमिका में अभी सिर्फ शुरुआत हुई है।
- कार्तिक ने जिस तरह टीम में वापसी की है और टीम में जगह बनाई है उसे आप किस तरह देखते हैं। क्या वह टी-20 विश्व कप टीम में जगह बना सकते हैं?-- जब तक टी-20 विश्व कप का चयन होगा, तब तक और भी मैच होंगे तो कार्तिक का प्रदर्शन चयनकर्ता देखते रहेंगे। लेकिन, कार्तिक की अनदेखी करना मुश्किल होगा। उनमें वो काबिलियत है कि वह एक पूर्णकालिक बल्लेबाज के रूप में भी टीम में शामिल हो सकते हैं। टी-20 में शायद कार्तिक ऐसे पहले खिलाड़ी होंगे जो 10-15 गेंद खेलते हैं और बड़ा प्रभाव छोड़ते हैं। ऐसे बल्लेबाज कम ही होते हैं। पोलार्ड हैं जो सातवें नंबर पर आते थे, लेकिन साथ में गेंदबाजी भी करते थे।
- चेतेश्वर पुजारा ने काउंटी में बेहतर प्रदर्शन किया और अपनी फार्म हासिल की। क्या वह इस फार्म को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में यथावत रख पाएंगे?- काउंटी में पुजारा ने हमेशा ही रन बनाए हैं। काउंटी और अंतरराष्ट्रीय स्तर काफी अलग हैं। मुझे नहीं लगता कि काउंटी में बेहतर किया है तो उनकी फार्म टेस्ट क्रिकेट में अच्छी रहेगी। पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा नहीं था कि पुजारा की फार्म पूरी तरह से बिखर गई थी, जैसा अजिंक्य रहाणे के साथ हुआ। केएल राहुल के नहीं होने से पुजारा का महत्व टीम में बढ़ जाता है और राहुल द्रविड़ भी एक रक्षात्मक बल्लेबाज का महत्व जानते हैं। पुजारा की जो मानसिकता और तरीका है, वो हमें देखने को मिलेगा। हम देखते आ रहे हैं कि पुजारा चेहरे पर एक हंसी के साथ उतरते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। इस बार पुजारा का महत्व अधिक होगा।