Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Harbhajan Singh Exclusive Interview: भज्‍जी को उम्‍मीद, मुंबई इंडियंस के विवाद का असर टीम इंडिया पर न पड़े

भारतीय टीम के पूर्व दिग्‍गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने आगामी टी20 वर्ल्‍ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम के बारे में अपनी राय प्रकट की है। भज्‍जी ने कहा कि भारतीय टीम को चार स्पिनर चुनने के बजाय रिंकू सिंह पर विश्‍वास जताना चाहिए था। हरभजन सिंह ने साथ ही कहा कि अगर वो चयनकर्ता होते तो टी20 वर्ल्‍ड कप में युवा टीम को भेजते।

By Jagran News Edited By: Abhishek Nigam Updated: Tue, 28 May 2024 07:04 PM (IST)
Hero Image
हरभजन सिंह ने भारतीय टीम के बारे में अपनी बेबाक राय दी

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्‍ली। देश के शीर्ष स्पिनरों में से एक हरभजन सिंह वर्तमान में कमेंट्री में जलवे दिखा रहे हैं। राज्यसभा सांसद हरभजन का मानना है कि अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले आगामी टी-20 विश्व कप में चार स्पिनरों का चयन थोड़ा अधिक है। एक स्पिनर की जगह रिंकू सिंह को टीम में होना चाहिए था। अभिषेक त्रिपाठी ने हरभजन सिंह से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश

सवाल - 2007 के बाद हम आज तक टी-20 विश्व कप ट्राफी क्यों नहीं जीते, जबकि हमारे यहां आईपीएल जैसी बड़ी लीग होती है?

जवाब - मेरे लिए भी यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है। मैं स्वयं नहीं समझ सका हूं कि क्यों नहीं हम जीत पाए। 2007 में जब हमने विश्व कप जीता तब हमारे पास आईपीएल जैसा टूर्नामेंट भी नहीं था। मुझे नहीं पता कि हम क्यों नहीं जीत पा रहे, लेकिन एक चीज अच्छी यह हुई कि हमने 2011 विश्व कप जीत लिया था। आईपीएल इतना बड़ा टूर्नामेंट हो गया, लेकिन हम अब तक नहीं जीत सके सच में यह समझ से बाहर की बात है। जब हम पहली बार खेले थे तब इस प्रारूप की इतनी जानकारी नहीं थी। अब इतना खेलते हैं, टी-20 हमें समझ भी आता है, जानकारी भी है, उसके बावजूद यह सच में अचंभित कर देता है।

सवाल - वर्तमान टीम को देखकर आपको क्या लगता है क्या ये विश्व कप जीत पाएगी? क्या आप भी यह मानते हैं कि युवाओं को अधिक अवसर मिलना चाहिए था या आप इस चयन से संतुष्ट हैं?

जवाब - देखिए अब तो टीम बन गई है। नए और पुराने की बात तो अब पीछे रह गई। अब जो टीम बनी है उसमें हमारी बल्लेबाजी अच्छी लग रही है, हमारा स्पिन अटैक बहुत तगड़ा है। तेज गेंदबाजी में केवल तीन ही सीमर्स हैं, अगर कोई भी चोटिल हुआ तो हमारी परेशानी बढ़ सकती है। ये निर्भर करेगा कि वहां की पिचें कैसी हैं। मुझे लगता है कि शायद वहां पर धीमी पिचें होंगी, लेकिन इसके बावजूद कभी भी आप चार स्पिनर से तो नहीं खेलेंगे।

एक मैच में तीन भी नहीं खेलेंगे। मुझे लगता है कि इस टीम में रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी को होना चाहिए था। उनकी बहुत कमी खलेगी। मैच वहीं फंसेगा, जहां आपको 20 गेंद में 50 या 60 रन चाहिए होंगे और वैसी परिस्थितियों में आपके सर्वश्रेष्ठ विकल्प वर्तमान में रिंकू सिंह हैं। मेरे अनुसार उन्हें इस टीम में होना चाहिए था। एक स्पिनर कम चल सकता था, और उनके स्थान पर रिंकू को अवसर मिलता तो यह बेहतर होता।

यह भी पढ़ें: Exclusive Rinku Singh: 'न कुछ लेकर आए थे, न कुछ लेकर जाओगे', IPL खिताब जीतने के बाद रिंकू ने रोहित के साथ हुई बातचीत का किया खुलासा

सवाल -विशेष रूप से रिंकू सिंह की बात करें तो उनकी फॉर्म भी अच्छी थी, फिर भी उनको स्थान नहीं मिलने के पीछे आप क्या कारण मानते हैं?

जवाब - इसकी वजह अगर पूछनी है तो चयनकर्ताओं से पूछा जाना चाहिए। मैं अगर कुछ बोलूंगा तो बवाल हो जाएगा। मैं यही बोल सकता हूं कि उन्हें प्रबंधन की ओर से वैसा समर्थन नहीं है जैसा कि कई अन्य खिलाड़‍ियों को है। अगर उन्हें वैसा समर्थन मिलता तो वह टीम में अवश्य होते क्योंकि सब कुछ वो कर रहे हैं, जो वह कर सकते थे। प्रदर्शन कर के उन्होंने दिखाया है, जो किसी खिलाड़ी से आशा की जाती है। मुझे नहीं पता उन्हें टीम में होने के लिए इसके अलावा और क्या करना चाहिए था। खिलाड़ी के रूप में वह जो कर सकते थे, उन्होंने किया। उनके साथ न्याय तभी होता जब वह टीम में होते।

सवाल - आईपीएल के ठीक बाद भारत ने अब तक तीन टी-20 विश्व कप खेले हैं। तीनों में प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। इस बार भी हम तुरंत बाद खेल रहे हैं। आपको क्या लगता है हमें लाभ मिलेगा या नुकसान होगा?

जवाब - मेरे अनुसार इसके दोनों पहलू हैं। पहला तो ये कि आप इसी प्रारूप में खेलते हुए इस वैश्विक टूर्नामेंट में जाएंगे। ऐसा नहीं है कि आप टेस्ट क्रिकेट खेलकर टी-20 में जा रहे। पिछली बार हम टी-20 खेलकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप खेलने चले गए थे। वह बिल्कुल अलग प्रारूप था। वहां आपको बल्ला थोड़ा संभाल कर चलाना है क्योंकि यहां (आईपीएल) बल्ला चलता है।

ये मुझे लगता है कि एक लाभ है जो हमें मिलेगा। वहीं इसके नुकसान की बात करें तो बाकी टीमें हमारे खिलाड़‍ियों से अधिक तरोताजा रहेंगी। हमारे खिलाड़ी आईपीएल में थोड़े अधिक थकते हैं। यहां खेलने के साथ-साथ इतनी यात्रा करनी पड़ती है कि थकान होना स्वाभाविक है। दो महीने के इस टूर्नामेंट में आपको पूरी जान झोंकनी पड़ती है। इसमें शरीर पर बहुत जोर पड़ता है। प्रदर्शन तभी निखरता है जब शरीर थका नहीं हो। यहां सबसे महत्वपूर्ण है कि 25-30 दिन के टूर्नामेंट में आपको अपने शरीर को उसी तरीके से चलाना है जैसा कि आपने आईपीएल में चलाया है।

सवाल - रोहित शर्मा ने चार स्पिनरों के चुनने को लेकर कहा था कि यह हमारी रणनीति है। हमें अमेरिका में केवल एक मजबूत टीम पाकिस्तान से भिड़ना है तो क्या हमने केवल वेस्टइंडीज की पिचों को देखकर ही रणनीति बनाई है?

जवाब - वेस्टइंडीज में कभी ऐसा नहीं हुआ कि आप केवल स्पिनरों पर ही भरोसा करोगे। मेरे अनुसार चार सीमर भी लग्जरी होते हैं और चार स्पिनर भी लग्जरी ही होते हैं। उनके होने से आप थोड़े निंश्च्ति जरूर हो जाते हो, लेकिन आपको इसकी आवश्यकता नहीं है। बाकी योजना क्या है क्योंकि चार तो इकट्ठे आप कभी भी नहीं खिलाओगे। आप केवल दो ही खिलाओगे उसमें भी आपके रवींद्र जडेजा तो होंगे ही होंगे या आप कुलदीप यादव को चुनोगे या फिर युजवेंद्र को खिलाओगे।

इन दोनों को खिलाते हो तो तीन हो जाते हैं। आप संयोजन कैसे बनेगा? ये भी तो देखने वाली बात है। अगर तीन स्पिनर जडेजा को मिलाकर खेलते हैं तो किसी एक को पावरप्ले में गेंदबाजी करनी पड़ेगी। पहले ओवर से लेकर छठे ओवर तक किसी को दो ओवर डालने पड़ेंगे, तब जाकर तालमेल बैठेगा। चार स्पिनर को लेकर जाना थोड़ा अधिक है।

सवाल - 2007 टी-20 विश्व कप को अगर छोड़ दें तो चयन में हमारी सोच बहुत रूढ़‍िवादी रहती है। क्या हम बड़े नामों के प्रति अधिक आकर्षित हैं?

जवाब - आकर्षण नहीं, मुझे लगता है कि चयन के दो तरीके होते हैं। पहला कि या तो आप बिल्कुल युवा के साथ जाइए, दूसरा सबसे अनुभवी खिलाड़‍ियों की ओर रुख कीजिए। ये बीच का रास्ता ढूंढ़ना, कि दो चार युवा और शेष अनुभवी ये अब तक कारगर नहीं साबित हुई है। मैं अगर चयनकर्ता होता तो युवा टीम भेजता लेकिन जो टीम अभी चुनी गई है मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। यह टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके आए यही दुआ कर सकते हैं।

सवाल - भारतीय टीम अगर दूसरे दौर में पहुंचती है तो उसे बारबाडोस, एंटीगुआ और सेंट लूसिया में खेलना होगा। सेमीफाइनल में पहुंचे तो गयाना में भी खेलना होगा। कैरिबियाई पिच को आप कैसे आंकते हैं?

जवाब - ये सभी बल्लेबाजी के अनुकूल पिच हैं। थोड़ी बहुत भारत से मिलती-जुलती पिच हैं। कुछ पिच में बाउंस थोड़ा ज्यादा होगा। ऑस्ट्रेलिया में आप देखते हैं कि वहां पिच पर गेंद बाउंस होती है, लेकिन वहां गेंद स्विंग नहीं करती। यहां आपको गेंद स्विंग करती भी दिखेगी। समुद्री हवा के कारण गेंद स्विंग करती है। विकेट पर घास शायद ही किसी जगह दिखे। वहां की स्थिति भारत से अलग नहीं होगी। दिन के मैच हैं इसलिए एक बात अच्छी है कि ओस का प्रभाव नहीं होगा और पिच धीमी होगी।

कोई यह नहीं कह सकता कि हम ओस के कारण लक्ष्य का बचाव नहीं कर सके। अब देखना यह होगा कि हमारी रणनीति क्या होगी, पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी। आम तौर पर हम यह देखते हैं कि दिन के मैच में मानसिकता यही होती है कि पहले बल्लेबाजी कर लो।

सवाल - आजकल क्रिकेटर कैमरे पर भारत-पाक मैच को एक सामान्य मैच बताते हैं। क्या आपके समय में भी ऐसा ही होता था?

जवाब - हमारे समय की पाकिस्तानी टीम साधारण नहीं थी। कहां वसीम अकरम और कहां शाहीन शाह अफरीदी। दोनों में जमीन-आसमान का अंतर है। कहां वकार यूनुस और कहां आजकल ये गेंदबाज। सकलेन मुश्ताक के बाद वैसा गेंदबाज नहीं आया, जो आखिरी ओवर में चार रन भी बचा सकता था। वो टीमें अलग थीं। उनकी बल्लेबाजी भी अच्छी थी, गेंदबाजी भी अच्छी थी और वे लड़कर खेलते थे।

उनके क्रिकेट का स्तर नीचे चला गया है। बहुत लोग इसे नहीं मानते हैं, लेकिन मैं इसे मानता हूं। एक आध मैच भले ही वे जीत गए हों लेकिन हाल के दिनों में भारत उनपर हावी रहा है।

यह भी पढ़ें: Nitin Menon Interview: IPL में अनूठा रिकॉर्ड बनाने वाले अंपायर ने खोले कई राज, इस नई तकनीक के फायदे भी बताए

सवाल - आजकल भारत-पाकिस्तानी खिलाड़‍ियों के बीच माहौल में भी वह टेंशन नहीं रहती?

जवाब - नहीं, ऐसा नहीं है। पहले भी हम लोग एक-दूसरे से बातचीत करते ही थे। हां, मैच के दिन माहौल बहुत तनावपूर्ण होता था। अब भी तकरीबन चीजें वैसी ही हैं। हमारी जुबान एक है, बात एक तरीके से करते हैं लेकिन ये नहीं है कि हम अपने नेट छोड़कर उधर चले जाएं, वो अपने नेट छोड़कर इधर आ जाएं वो नहीं होता था।

सवाल - टी-20 प्रारूप में आप स्पिनरों की भूमिका को कैसे देखते हैं? आजकल 260-265 रन बन रहे हैं?

जवाब - इंपैक्ट प्लेयर नियम ने बल्लेबाजों को आक्रामक होने का लाइसेंस दे दिया है। मेरे ख्‍याल से तो इसे हटा देना चाहिए। स्पिनरों को मार इसलिए भी पड़ रही है कि बल्लेबाजों को बिल्कुल अब डर ही नहीं है क्योंकि अब नौ नंबर तक बल्लेबाजी है। बल्लेबाज सोचता है कि हर गेंद पर प्रहार किया जाए। ये वर्ष गेंदबाजों के लिए अच्छा नहीं रहा है, फिर भी क्वालिटी गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की है जैसे कि बुमराह, चहल, सुनील नरेन।

हर्षित राणा जैसे युवा ने भी अच्छा किया है। ट्रेविस हेड और अभिषेक शर्मा ने इस प्रारूप को खेलने का अंदाज ही बदल दिया है। इस नियम ने गेंद और बल्ले के नियम को थोड़ा असंतुलित कर दिया है।

सवाल - 2019 तक कुलदीप और चहल (कुलचा) जोड़ी की बहुत चर्चा होती थी। अब एक बार फिर दोनों एकसाथ आ गए हैं। क्या इन दोनों को इकट्ठा खिलाना चाहिए?

जवाब - दोनों जब-जब साथ खेले हैं तो उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। बल्लेबाज की सोच होती है कि एक गेंदबाज के सामने थोड़ा रोक लेता हूं, दूसरे के विरुद्ध आक्रमण करूंगा। क्योंकि ये दोनों गेंदबाज आक्रामक हैं, इसलिए जब ये एक साथ खेलते हैं तो विकेट लेने की संभावना बढ़ जाती है। दोनों को साथ खेलना तो चाहिए, लेकिन जगह कैसे बनेगी ये देखना होगा।

सवाल - क्या हम तेज गेंदबाजी में बुमराह पर अधिक अतिनिर्भर हैं?

जवाब - हां, तो किस पर करें। बुमराह, गेंदबाजों के विराट कोहली हैं, तो उन पर निर्भरता तो रहेगी ही। वैसे गेंदबाज तो और भी हैं, लेकिन बुमराह रहते हैं तो ये रहता है कि चलो बुमराह तो है ही न। उन पर निर्भरता अधिक है।

सवाल - मुंबई इंडियंस में जो हुआ क्या आप उसका असर टीम इंडिया पर भी देख रहे हैं?

जवाब - यह होना तो नहीं चाहिए क्योंकि अगर वैसा माहौल रहेगा तो कोई भी टीम अच्छा नहीं कर पाएगी। उस टीम में ऐसे खिलाड़ी थे जो ट्रॉफी जीत सकते थे, लेकिन वे एकजुट होकर नहीं खेले। ऐसे माहौल में विश्व की कोई भी टीम नहीं जीत सकती है। चाहे वो टीम कितनी भी बड़ी टीम क्यों न हो। उदाहरण हमारे सामने ही है।

उम्मीद है कि ऐसा कोई काम नहीं हो जिसका प्रभाव टीम इंडिया पर पड़े। कप्तान और उपकप्तान को बैठकर इस मामले को सुलझाना होगा क्योंकि आईपीएल हर साल आता है, विश्व कप नहीं। आईपीएल एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है, परंतु फिर भी यह घरेलू टूर्नामेंट है।

विश्व कप का स्तर इससे बिल्कुल अलग है। मुझे लगता है कि जितने भी सीनियर खिलाड़ी हैं जैसे कि रोहित, विराट, हार्दिक, बुमराह सभी को एक साथ बैठना चाहिए और एक साथ टीम को आगे लेकर जाना चाहिए। जब तक वो सब बैठकर बातचीत नहीं करेंगे ये हल नहीं होगा। एक बार सब बैठकर बातचीत करें और अगर मन में कुछ है तो इसे समाप्त करें।

यह भी पढ़ें: T20 World Cup 2024: भारत के ग्रुप वाली किस टीम में है कितना दम? पाकिस्‍तान मजबूत, लेकिन इस टीम से बड़ा खतरा