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कौन हैं प्रखर चतुर्वेदी जिन्होंने कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में जड़े 404 रन, जानें बल्लेबाज के बारे में 5 रोचक तथ्य

प्रखर ने नाबाद 404 रन के साथ युवराज सिंह के 358 रनों के 24 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में पिछला सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था। इसके बाद 2011-12 में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए विजय जोल ने नाबाद 451 बनाए थे जो पहले स्थान पर हैं। प्रखर के रिकॉर्ड प्रदर्शन के बाद आइए जानते हैं उनके बारे में पांच खास बातें।

By Umesh Kumar Edited By: Umesh Kumar Updated: Tue, 16 Jan 2024 04:37 PM (IST)
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प्रखर चतुर्वेदी ने कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल मैच में जड़े नाबाद 400 रन। फाइल फोटो
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में कर्नाकट के प्रखर चतुर्वेदी ने इतिहास रच दिया। वह पहले ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होंने बीसीसीआई के अंडर-19 फाइनल मैच में नाबाद 400 रन की पारी खेली। प्रखर ने यह उपलब्धि मुंबई के खिलाफ खेले गए मैच में हासिल की। प्रखर ने युवराज सिंह के 25 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में कर्नाटक के लिए पारी की शुरुआत करते हुए प्रखर ने 638 गेंद पर नाबाद 404 रन बनाए। प्रखर चतुर्वेदी की रिकॉर्ड पारी की बदौलत कर्नाटक ने मुंबई के 380 रन के जवाब में 223 ओवर में 8 विकेट पर 890 रन बनाए। इस तरह कर्नाटक ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर फाइनल जीत लिया।

महाराष्ट्र के विजय जोल ने बनाए हैं 451 रन

प्रखर ने नाबाद 404 रन के साथ युवराज सिंह के 358 रनों के 24 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में पिछला सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था। इसके बाद 2011-12 में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए विजय जोल ने नाबाद 451 बनाए थे जो पहले स्थान पर हैं। प्रखर के रिकॉर्ड प्रदर्शन के बाद आइए जानते हैं उनके बारे में पांच खास बातें।

1. संपन्न परिवार से हैं प्रखर

चतुर्वेदी शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पिता संजय चतुर्वेदी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जो अब अपना स्टार्ट-अप चला रहे हैं, जबकि उनकी मां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक हैं।

2. 11 साल की उम्र से शुरु किया क्रिकेट

ईएसपीएनक्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के अनुसार, चतुर्वेदी ने पहली बार 2017 में 11 साल की उम्र में SIX अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया था। अकादमी बेंगलुरु में पदुकोण-द्रविड़ सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स एक्सीलेंस पर आधारित है।

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3. हर दिन की लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा

अपने क्रिकेट के सपने को पूरा करने के लिए चतुर्वेदी को काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्हें क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए हर दिन लगभग 100 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, बल्लेबाज के पिता ने खुलासा किया कि वे इलेक्ट्रॉनिक सिटी में रहते हैं, जबकि अकादमी 50 किमी दूर देवनहल्ली में है।

4. राज्य की अंडर-16 टीम में नहीं हुआ था चयन

प्रखर के शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें राज्य की अंडर-16 में चयन नहीं हुआ था। उनके पिता ने खुलासा किया कि उन्हें एक प्रजेंनटेशन देना था। ताकि उन्हें याकिन हो कि वह गुणवत्ता के धनी हैं।

5. राहुल द्रविड़ के बेटे से अच्छी दोस्ती

प्रखर की राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ से अच्छी दोस्ती है। दोनों कर्नाटक टीम के लिए खेलते हैं। कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में दोनों ने दमदार प्रदर्शन किया है।

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