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भारतीय क्रिकेट इतिहास के वो पांच ऐतिहासिक कैच जिन्होंने पलट दिया मैच, लिस्ट में युवराज और कैफ का भी नाम शामिल

बीते कई सालों में भारतीय क्रिकेट फैंस को कई यादगार कैच देखने को मिले हैं। साल 1983 से लेकर 2024 तक भारतीय खिलाड़ियों ने दबाव वाली परिस्थितियों में दमदार प्रदर्शन किया है। युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने फील्डिंग में एक मानक स्थापित किया। इसे सुरेश रैना विराट कोहली और रविंद्र जडेजा इस परंपरा को आगे लेकर गए। सूर्यकुमार यादव का भी इसमें नाम शामिल हो गया है।

By Umesh Kumar Edited By: Umesh Kumar Updated: Wed, 03 Jul 2024 05:29 PM (IST)
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टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में कैच पकड़ने के दौरान सूर्यकुमार। फाइल फोटो
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 'पकड़ो कैच जीतो मैच' की कहावत क्रिकेट जगत में बहुत प्रसिद्ध है। समय-समय पर इसके उदाहरण भी देखने को मिलते रहे हैं। खास करके भारतीय क्रिकेट में। खिलाड़ी अपनी आश्चर्य कर देने वाली फील्डिंग से न सिर्फ गेंदबाजी की मदद करते है बल्कि पूरा मैच बदल देते हैं।

इस मामले में भारतीय क्रिकेट टीम बहुत खुशकिस्मत रही है। साल 1983 से लेकर 2024 तक भारतीय खिलाड़ियों ने दबाव वाली परिस्थितियों में दमदार प्रदर्शन किया है। रॉबिन सिंह और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने स्लिप पर बेहतरीन फील्डिंग का एक अलग स्तर सेट किया। युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने फील्डिंग में एक मानक स्थापित किया। इसे सुरेश रैना, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा इस परंपरा को आगे लेकर गए।

बीते कई सालों में फैंस को कई यादगार कैच देखने को मिले। आज इस आर्टिकल में हम जानें क्रिकेट इतिहास के उन ऐतिहासिक कैचों के बारे में जानेंगे, जिन्होंने मैच की स्थिति को बदल दिया। साथ ही टीम को ऐतिहासिक जीत मिली।

1. कपिल देव (1983 -विव रिचर्ड्स का कैच)

साल 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। भारत ने 183 रन का स्कोर बनाया। लक्ष्य का पीछा करते हुए विव रिचर्ड्स एक छोर खड़े रहे और लगातार रन बनाते रहे। एक समय वेस्टइंडीज जीत की कगार पर खड़ी थी। मदन लाल के ओवर की एक बाउंसर बॉल को रिचर्ड्स ने डीप-मिडविकेट की तरफ शॉट खेला। गेंद हवा में गई और कपिल देव ने पीछे भागते हुए एक शानदार कैच पकड़ा। यह मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा। अंत में भारत ने फाइनल अपने नाम किया।

2. सूर्यकुमार यादव ( 2024- डेविड मिलर का कैच)

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में भारत और साउथ अफ्रीका की भिड़ंत हुई। साउथ अफ्रीका को आखिरी ओवर में जीत के लिए 16 रन चाहिए थे और क्रीज पर डेविड मिलर मौजूद थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हार्दिक पांड्या के ओवर की पहली गेंद पर मिलर ने लॉन्ग-ऑफ की तरफ शॉट खेला। बाउंड्री पर खड़े सूर्यकुमार ने बेहतरीन कैच लपका। इस कैच की बदौलत भारत ने मैच में वापसी की और अंत में 7 विकेट से जीत दर्ज की।

3. एस श्रीसंत ( 2007- मिस्बाह का कैच)

टी20 वर्ल्ड कप से उद्घाटन संस्करण में भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल खेला गया। आखिर में पाकिस्तान को जीत के लिए लिए मात्र 6 रन चाहिए थे और भारत को एक विकेट की जरूरत थी। जोगिंदर सिंह के ओवर में क्रीज पर मौजूद कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने शॉर्ट-फाइन लेग की तरफ शॉट खेला। गेंद सीधा श्रीसंत के हाथों में गई और भारत ने मैच जीत लिया।

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4. युवराज सिंह (2002- जोंटी रोड्स का कैच)

साल 2002 के चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल मैच में भारत का साउथ अफ्रीका से सामना था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 261 रन बनाए। इसके जवाब में हर्शल गिब्स (116) और जैक कैलिस (97) ने टीम को वापसी कराई। गिब्स शतक लगाकर इंजरी की वजह से मैदान से बाहर चले गए। 39वें ओवर में हरभजन सिंह पर स्विप शॉट खेलने गए जोंटी रोड्स के बल्ले का गेंद एज लेकर शॉर्ट फाइन लेग की तरफ गई। वहां, खड़े युवराज सिंह ने दायीं तरफ हवा में छलांग लगार गजब का कैच पड़ा। अंत में भारत ने 10 रन से मुकाबला जीता।

5. मोहम्मद कैफ ( 2004- शोएब मलिक का कैच)

भारत साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर थी। कराची में आयोजित वनडे मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 349 रन बनाए। इसके जवाब में पाकिस्तान को आखिरी के दो ओवर में जीत के लिए 17 रन चाहिए थे। 49वें ओवर की पांचवीं गेंद पर शोएब मलिक ने लॉन्ग-ऑफ तरफ शॉट खेला। कैफ और हेमंग बदानी कैच के लिए दौड़े। कैफ ने हेमंग से लगभग टकराते हुए कैच लपका। आखिरी ओवर में आशीष नेहरा ने 9 रन का बचाव किया और मैच भारत की झोली में डाल दिया।

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