17 अफगानी महिला क्रिकेटरों ने ICC के सामने जोड़े हाथ, मांगी मदद, जानिए क्या है मामला
अफगानिस्तान की महिलाओ को इस समय किसी भी तरह का खेल खेलने की इजाजत नहीं है। इसी कारण अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटर इस समय खेल से दूर हैं। अफगानी महिलाएं इससे परेशान हैं और इसलिए उन्होंने आईसीसी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में अफगानिस्तान की 17 महिला क्रिकेटरों ने आईसीसी से मदद की गुहार लगाई है और अपने करियर को बचाने की अपील की है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने बीते कुछ सालों में काफी शानदार खेल दिखाया है। इस टीम ने विश्व स्तर पर अपने खेल से कई बड़ी टीमों को हैरान किया है। हाल ही में इस टीम ने टी20 वर्ल्ड कप-2024 के सेमीफाइनल में जगह बना हर किसी को हैरान कर दिया था। अब इस देश की महिला क्रिकेटरों को आईसीसी की मदद की जरूरत है। अफगानी महिलाओं ने आईसीसी से गुहार लगाई है।
अफगानिस्तान की 17 महिला क्रिकेटरों ने आईसीसी को एक पत्र लिखा है और क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से मदद मांगी है। इन महिलाओं ने आईसीसी के सामने एक मांग रखी है ताकि वह अपनी क्रिेकेट को जारी रख सकें और बेहतर भी कर सकें।
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ये है मांग
अफगानिस्तान की इन महिला क्रिकेटरों ने आईसीसी को पत्र लिखकर कहा है कि वह उन्हें ऑस्ट्रेलिया में एक रिफ्यूजी टीम बनाने में मदद करें। अफगानी महिलाओं ने आईसीसी अपने देश के लिए खेलने के सपने को पूरा करने के लिए मदद मांगी है। अफगानिस्तान ही महिला टीम को 2021 में बैन कर दिया था। 11 साल ये टीम बनी थी लेकिन फिर टीम पर प्रतिबंध लगा दिया था। अफगानिस्तान में तालिबानी राज के आने के बाद ऐसा हुआ था। तालिबान ने महिलाओं को खेल गतिविधियों में हिस्सा लेन से प्रतिबंधित कर दिया था जिसमें क्रिकेट भी शामिल है। इस कदम की जमकर आलोचना हुई थी।
अफगानिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने आईसीसी के चेयरमैन ग्रैग बार्कले को लेटर लिखा है और कहा कि वह एक रिफ्यूजी महिला टीम की तरह खेलना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने आईसीसी से फंड भी मांगे हैं।
महिला क्रिकेटरों ने छोड़ा देश
कई महिला क्रिकेटरों ने तालिबानी राज के कारण अफगानिस्तान छोड़ दिया है। अफगानिस्तान की अधिकतर महिला फुटबॉलर और क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा में बस गई हैं।
इस लेटर में लिखा है, "इस टीम के बनने से अफगानी महिलाओं को एक बैनर के तले एक टीम के तौर पर खेलने का मौका मिलेगा। हम आईसीसी से ऑस्ट्रेलिया में एक रिफ्यूजी टीम बनाने को लेकर मदद मांग रहे हैं।"इस पत्र में ये भी लिखा है कि उन्हें इस समय एसीबी से हो सकता है कि मान्यता न मिले लेकिन वह अफगानिस्तान की युवा महिला क्रिकेटरों को बाहर निकालना चाहते हैं और उनका इंटरनेशनल स्तर पर क्रिकेट खेलने का सपना सच करना चाहते हैं।
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