Arshin Kulkarni नाम याद कर लीजिए, चौके-छक्के से बना डाले 90 रन, ठोका सबसे तेज शतक, आखिरी ओवर में बचाए 5 रन
MPL T20 Arshin Kulkarni Century 18 साल के युवा बल्लेबाज अर्शिन कुलकर्णी ने महाराष्ट्र प्रीमियर लीग में बल्ले से जमकर तबाही मचाई। अर्शिन ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए लीग का सबसे तेज शतक ठोका और 90 रन सिर्फ चौके-छक्के से बनाए।
By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Tue, 20 Jun 2023 04:47 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। टी-20 क्रिकेट में शतक लगाना अब कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। दुनिया भर में तमाम तरह की टी-20 लीग खेली जा रही हैं, जहां कोई ना कोई बल्लेबाज सैकड़ा जमा ही देता है। हालांकि, कुछ ऐसी पारियां भी होती हैं, जिनको देखकर मन खुश हो जाता है, आंखें बार-बार उन शॉट्स को देखना चाहती हैं और मुंह से सिर्फ एक शब्द निकलता है 'वाह'। ऐसी ही करिश्माई पारी महाराष्ट्र प्रीमियर लीग में अर्शिन कुलकर्णी के बल्ले से निकली है, जिसकी गूंज बहुत दूर तक पहुंची है।
चौके-छक्के से बना डाले 90 रन
नासिक टाइटंस की टीम से ओर से खेलते हुए अर्शिन कुलकर्णी ने बल्ले से ऐसी तबाही मचाई कि हर कोई उनकी बैटिंग का मुरीद हो गया। अर्शिन ने महज 54 गेंदों में 117 रन की विस्फोटक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ तीन चौके निकले, लेकिन 18 साल के इस बैटर ने छक्के जड़े 13। यानी अर्शिन ने 117 रन की तूफानी पारी में 90 रन सिर्फ चौके-छक्के से बनाए।
Arshin Kulkarni, 18-year-old, playing in MPL:
- 117(54) with bat.
- 4/21 with ball.
- Defended 5 runs in the final over.
He has been a run-machine in age group cricket, another talent to watch out in future. pic.twitter.com/tzPxtnruQJ
— Johns. (@CricCrazyJohns) June 20, 2023
MPL में सबसे तेज शतक
अर्शिन कुलकर्णी ने महाराष्ट्र प्रीमियर लीग में सबसे तेज शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। युवा बल्लेबाज ने महज 46 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। अर्शिन के आगे विपक्षी टीम के गेंदबाज पानी मांगते हुए नजर आए और उन्होंने जमकर तबाही मचाई।आखिरी ओवर में डिफेंड किए 5 रन
अर्शिन कुलकर्णी ने बल्ले से धमाल मचाने के बाद गेंद से भी जौहर दिखाए। अर्शिन ने आखिरी ओवर में पांच रन का बचाव किया, जिसके चलते पुणेरी बप्पा की टीम लक्ष्य से एक रन दूर रह गई। रुतुराज गायकवाड़ ने पुणेरी की तरफ से 23 गेंदों पर अर्धशतक जमाया, लेकिन वह टीम को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था।