Asha Sobhana: संघर्ष करना कोई इनसे सीखे! संन्यास लेने के करीब पहुंचकर लिया यू-टर्न; 33 की उम्र में आया भारतीय टीम से बुलावा
कुल 12 विकेट झटके थे और खूब सुर्खियां बटोरी थी। ऐसे में महिला प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन करने वाली आशा शोभना ने सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा और उन्हें अब भारतीय टीम से बुलावा आया हैं। ऐसे में फैंस उन्हें करीबी से जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। आइए जानते हैं आशा शोभना के संघर्षों से भरी कहानी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ 28 अप्रैल से शुरू हो रही पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम में स्पिनर आशा शोभना को जगह मिली हैं। शोभना ने महिला प्रीमियर लीग 2024 में आरसीबी की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने लीग में कुल 12 विकेट झटके थे और खूब सुर्खियां बटोरी थी। ऐसे में महिला प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन करने वाली आशा शोभना ने सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा और उन्हें अब भारतीय टीम से बुलावा आया हैं। ऐसे में फैंस उन्हें करीबी से जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। आइए जानते हैं आशा शोभना के संघर्षों से भरी कहानी।
भारतीय महिला टीम की लेग स्पिनर Asha Sobhana की स्ट्रगल जर्नी
जब आशा शोभना 13 साल की थीं तो स्कूल बंद होने के 3 घंटे बाद भी वह घर वापस नहीं आईं। उसके माता-पिता ने थाने में सूचना दी। हालांकि, आशा ने यह घोषणा करते हुए वापस आ गई कि उसे अपने माता-पिता की खुशी के लिए जिला टीम के लिए चुना गया है।आशा शोभना से जुड़ा एक किस्सा बताते है एक शाम को वह काफी थकी हुई थी और स्पिन गेंदबाजी करने की कोशिश कर रही थी। उनके कोच ने उन्हें देखा और वह काफी इंप्रेस हुए और उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वह लेग स्पिनर बने। धीरे-धीरे मेहनत के दम पर वह लेग स्पिनर बन गई और केरल की सीनियर टीम के लिए उन्होंने डेब्यू 14 साल की उम्र में किया। 15 साल की उम्र में केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए मैक स्पिन फाउंडेशन भेजा, जहां उनकी मुलाकात टेरी जेनर से हुई। वह शोभना की गेंदबाजी देख काफी इंप्रेस हुए।
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16 साल की उम्र में उन्होंने साउथ जॉन टीम में एंट्री की और 2008 में भारत की अंडर-19 कैंप का हिस्सा बनी। साल 2012-13 में उनके टी20 में शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें रेलवे में जगह मिली और उन्होंने रेलवे टीम के लिए काफी साल खेला। वह सीनियर विमेंस टी20 ट्रॉफी 2019 में रेलवे टीम की जीत का हिस्सा रही। 2022 में उन्होंने रेलवे टीम को छोड़ने का फैसला लिया, क्योंकि उन्हें लगातार प्लेइंग-11 में मौके नहीं मिल रहे थे।
इसके बाद उन्होंने पुडुचेरी में कमेंट्री में शुरुआत करने की ठानी। मेंस टी20 टूर्नामेंट में उनकी मुलाकात वह पुडुचेरी की कोच श्वेता मिश्रा से हुई। श्वेता भारत की अंडर-19 टीम में आशा की साथी खिलाड़ी थी, जिन्होंने उनसे पुडुचेरी के लिए खेलने को कहा। प्लेइंग-11 में लगातार जगह नहीं मिलने वाली आशा को अचानक से पुडुचेरी टीम ने कप्तान बनाया। यह टूर्नामेंट सीनियर विमेंस टी20 ट्रॉफी 2022 का था, जिसमें पुडुचेरी की टीम को आखिरी लीग स्टेज गेम में बंगाल से हार मिली। आशा इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 16 विकेट लेने वाली पुडुचेरी की विकेट टेकर रही।