अंडर-16 टूर्नामेंट में टूटा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड, जो काम मास्टर-ब्लास्टर नहीं कर पाए वो कर गया एक लड़का
दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर ने बहुत ही कम उम्र में बता दिया था कि उनके अंदर कितनी प्रतिभा है। हैरिस शील्ड में उन्होंने विनोद कांबली के साथ रिकॉर्ड साझेदारी की थी। सचिन ने नाबाद 326 रन बनाए थे। सचिन के इस आंकड़ों को इस टूर्नामेंट में एक लड़का पीछे छोड़ गया है। इस बच्चे ने वो काम किया है जो सचिन भी नहीं कर पाए थे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनके नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड है। सचिन ने वो कारनामे किए हैं जिनके बारे में कोई सोच नहीं सकता था। इसकी शुरुआत उन्होंने बचपन में ही कर दी थी। हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में सचिन ने विनोद कांबली के साथ 664 रनों की साझेदारी की थी। उसकी चर्चा आज भी की जाती है। इस मैच में सचिन ने जो काम किया उसे एक लड़के ने पीछे छोड़ दिया है।
जनरल एजूकेशन अकादमी के आयुष शिंदे ने हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में नाबाद 419 रनों की पारी खेली है। आयुष ने बेहद आसानी से सचिन के स्कोर को पार कर लिया। सचिन ने इस साझेदारी में नाबाद 326 रन बनाए थे। वहीं विनोद कांबली ने नाबाद 349 रनों की पारी खेली थी। आयुष इन दोनों से आगे निकल गए हैं।यह भी पढे़ं- सचिन तेंदुलकर ने अनोखे अंदाज में सोशल मीडिया पर स्टीव बकनर की उड़ाई खिल्ली, 3 दिन बाद में आ रही मजेदार कमेंट्स की बाढ़
12 साल बाद हुआ ऐसा
2009 में 12 वर्ष की उम्र में सरफराज खान द्वारा खेली गई 439 रनों की पारी के बाद यह इस टूर्नामेंट की दूसरी सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी हो गई है। आयुष की पारी के दम पर उनकी टीम ने 45 ओवरों में 648/5 का विशाल स्कोर खड़ा किया और मैच को 464 रनों के बड़े अंतर से जीता। आयुष ने 152 गेंदों की अपनी पारी में 43 चौके और 24 छक्के लगाए। 2013 में 14 साल के पृथ्वी शा ने हैरिस शील्ड की एक पारी में सर्वाधिक 546 रन बनाने का कारनामा किया था।
सचिन इस टूर्नामेंट से निकल कर टीम इंडिया में पहुंचे। सरफराज खान और पृथ्वी शॉ ने भी यहीं से टीम इंडिया का सफर तय किया। अब देखना होगा कि आयुष इन तीनों के रास्ते पर चल पाते हैं या नहीं।
बड़ा है टूर्नामेंट
मुंबई क्रिकेट में ये हैरिस शील्ड टूर्नामेंट काफी बड़ा माना जाता है। सभी की नजरें इस पर होती हैं। इस टूर्नामेंट में खेलने वाले कई खिलाड़ी मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में पहुंचे हैं। आयुष की नजरें भी अपने क्रिकेटिंग करियर को नए आयाम देने की होगी। वह भी चाहेंगे कि वो अच्छे स्तर पर क्रिकेट खेलें। इस पारी के बाद वह लोगों की नजरों में आ गए हैं और जल्द ही मुंबई की अंडर-16 या अंडर-19 टीम में देखे जाएं तो हैरानी नहीं होगी। आयुष ने तो इस टूर्नामेंट में वो काम कर दिया जो सचिन नहीं कर पाए। सचिन ने 400 का आंकड़ा पार नहीं किया था लेकिन आयुष कर गए।
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