Bishan Singh Bedi: जब बिशन सिंह बेदी के विवादित फैसले पर मचा था बवाल, चोटिल होने के डर से कर दी थी पारी घोषित
पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। बिशन सिंह ने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। पूर्व लेग स्पिन बॉलर ने अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान भारत को कई मैचों में यादगार जीत दिलाई। हालांकि साल 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मुकाबले में बतौर कप्तान बिशन सिंह का फैसला काफी विवादों में रहा।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Bishan Singh Bedi 1976 Ind vs WI: भारत के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी दुनिया को अलविदा कह गए हैं। वह काफी लंबे समय से जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे। बिशन सिंह ने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। पूर्व लेग स्पिन बॉलर ने अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान भारत को कई मैचों में यादगार जीत दिलाई।
हालांकि, साल 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मुकाबले में बतौर कप्तान बिशन सिंह का फैसला काफी विवादों में रहा। बिशन सिंह के पारी घोषित करने के फैसले की वजह से भारतीय टीम को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था।
भारतीय बल्लेबाज हुए थे घायल
बात 1976 की है। भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर थी। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर थी। भारतीय टीम पिछले टेस्ट मैच में लाजवाब प्रदर्शन करके जमैका के सबीना पार्क में पहुंची थी। सीरीज के अंतिम टेस्ट मैच में भी सुनील गावस्कर और अंशुमन गायकवाड़ ने टीम इंडिया को जोरदार शुरुआत दी थी। गावस्कर-अंशुमन की बल्लेबाजी से कैरेबियाई फास्ट बॉलर खिसियाए हुए थे। भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने में नाकाम होने के बाद वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने मास्टर प्लान तैयार किया।
बिशन सिंह का विवादित फैसला
कैरेबियाई तेज गेंदबाजों ने इंडियन बैटर्स के स्टंप को छोड़कर उनके शरीर पर हमले करने शुरू कर दिए। अंशुमन को माइकल होल्डिंग ने अपनी रफ्तार भरी गेंद से घायल कर दिया। होल्डिंग की आग उगलती गेंद अंशुमन के कान पर आकर लगी और उनको अस्पताल जाना पड़ा। इसके बाद यही हाल बृजेश पटेल का हुआ।
वेस्टइंडीज के फास्ट बॉलर्स ने एक-एक करके कुल पांच भारतीय बल्लेबाजों को अस्पताल पहुंचा दिया। उस मुकाबले में टीम की कप्तानी संभाल रहे बिशन सिंह ने एक के बाद चोटिल होते खिलाड़ियों को देखकर भारतीय पारी को सिर्फ छह विकेट गिरने के बाद ही घोषित करने का एलान कर दिया।
दूसरी पारी भी की घोषित
भारतीय बल्लेबाजों का हाल दूसरी पारी में ज्यादा बेहाल हुआ। चोटिल खिलाड़ी बल्लेबाजी करने नहीं उतरे। 97 के स्कोर पर टीम इंडिया ने अपने पांच विकेट गंवा दिए। कैरेबियाई गेंदबाज उस दिन इंडियन बैटर्स की जान लेने पर आमादा थे। वेस्टइंडीज के फास्ट बॉलर्स की हर गेंद भारतीय बल्लेबाजों के शरीर को निशाना बना रही थी। यही वजह रही कि कप्तान बिशन सिंह ने बाकी बल्लेबाजों को बैटिंग करने मैदान पर नहीं जाने दिया।
बिशन सिंह ने दूसरी पारी को सिर्फ पांच विकेट गिरने के बाद ही घोषित कर दिया। बिशन का यह फैसला काफी विवादों में भी रहा और उनकी इसको लेकर जमकर आलोचना हुई थी। इस टेस्ट मैच को कैरेबियाई टीम ने 10 विकेट से अपने नाम करते हुए सीरीज पर भी कब्जा किया था।