Bishan Singh Bedi का वो ऐतिहासिक स्पेल, World Cup में 8 ओवर डाले थे मेडन, भारत को दिलाई थी ODI की पहली जीत
भारत के महान स्पिनर्स में से एक रहे बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। 77 साल की उम्र में बिशन सिंह दुनिया को अलविदा कह गए हैं। अपने दौर में घूमती गेंदों से दुनियाभर के बल्लेबाजों को जीना हराम करने वाले बिशन ने भारत को कई मैचों में यादगार जीत दिलाई। बिशन ने ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ 12 में से 8 ओवर मेडन डाले थे।
By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Mon, 23 Oct 2023 07:33 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत के महान स्पिनर्स में से एक रहे बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। 77 साल की उम्र में बिशन सिंह दुनिया को अलविदा कह गए हैं। अपने दौर में घूमती गेंदों से दुनियाभर के बल्लेबाजों को जीना हराम करने वाले बिशन ने भारत को कई मैचों में यादगार जीत दिलाई।
साल 1975 के वर्ल्ड कप में बिशन द्वारा फेंका गए मैजिकल स्पेल की चर्चा आज भी की जाती है। बिशन ने ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ 12 में से 8 ओवर मेडन डाले थे। पूर्व स्पिनर ने 12 ओवर के स्पेल में सिर्फ छह रन खर्च करते हुए भारत को वनडे क्रिकेट की पहली जीत का स्वाद चखाया था।
बिशन सिंह का मैजिकल स्पेल
साल 1975 में खेले गए वर्ल्ड कप के दूसरे मैच में भारतीय टीम की भिड़ंत ईस्ट अफ्रीका से हुई थी। इस मुकाबले में बिशन सिंह बेदी की घूमती गेंदों का जादू सिर चढ़कर बोला था। बिशन ने अपने 12 ओवर के स्पेल में सिर्फ छह रन खर्च करते हुए एक विकेट झटका था। बिशन ने आठ ओवर मेडन डालते हुए टीम इंडिया की एकदिवसीय क्रिकेट में पहली जीत की कहानी लिखी थी। बिशन जैसा स्पेल आजतक विश्व कपताश के पत्तों की तरह बिखरा था ईस्ट अफ्रीका का बैटिंग ऑर्डर
बिशन सिंह बेदी के साथ-साथ बाकी भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन भी इस मैच में बेहद उम्दा रहा था। ईस्ट अफ्रीका की पूरी टीम महज 120 रन बनाकर सिमट गई थी। बिशन द्वारा बनाए गए दबाव का फायदा मदन लाल, सैयद आबिद अली जैसे गेंदबाजों को मिली था। मदन और सैयद ने मिलकर पांच विकेट चटकाए थे।यह भी पढ़ें- Bishan Singh Bedi ने तोहफे में दी थी पाकिस्तान को जीत, भारतीय बल्लेबाजों को बीच इनिंग में बुलाया था वापस; इस वजह से थे नाराज
भारत ने दर्ज की थी पहली जीत
बिशन सिंह बेदी के ऐतिहासिक स्पेल के दम पर भारत ने वनडे क्रिकेट इतिहास में अपनी पहली जीत का स्वाद चखा था। गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के बाद सुनील गावस्कर और फारुख इंजीनियर ने बल्ले से रंग जमाते हुए भारत को 10 विकेट से जीत दिलाई थी। गावस्कर 65 रन बनाकर नॉटआउट रहे थे, तो इंजीनियर ने 54 रन की नाबाद पारी खेली थी।