आर्म बॉल से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को चकमा देते थे बिशन पाजी, इंटरनेशनल करियर में हासिल की कई बड़ी उपलब्धियां
महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन के साथ ही क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया। विश्व क्रिकेट ने एक ऐसे सितारे को खोया जिसने कई दशक तक अपने प्रदर्शन व अनुभव से भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। बिशन सिंह बेदी उस टीम का हिस्सा थे जिसने वनडे क्रिकेट में भारत को पहली जीत दिलाई थी।
By Jagran NewsEdited By: Shubham MishraUpdated: Mon, 23 Oct 2023 09:42 PM (IST)
नितिन नागर, नई दिल्ली। महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के निधन के साथ ही क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया। विश्व क्रिकेट ने एक ऐसे सितारे को खोया, जिसने कई दशक तक अपने प्रदर्शन व अनुभव से भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया। बिशन सिंह बेदी उस टीम का हिस्सा थे, जिसने वनडे क्रिकेट में भारत को पहली जीत दिलाई थी।
वनडे में दिलाई पहली जीत
भारत को वो जीत 1975 विश्व कप में पूर्वी अफ्रीका के विरुद्ध मिली थी। एक ऐसा मैच, जिसमें बेदी ने 12-8-6-1 के शानदार आंकड़े दर्ज किए थे, जिससे विपक्षी टीम सिर्फ 120 रन पर सिमट गई थी। वनडे में 12 ओवर के स्पेल में आठ ओवर मेडन फेंकना बेदी जैसा करिश्माई स्पिनर ही कर सकता था। विश्व क्रिकेट में जब भी आर्म बॉल का जिक्र होगा तो सबसे पहला नाम 'बिशन पाजी' का ही लिया जाएगा।
वह अपनी पीढ़ी के बल्लेबाजों के लिए हमेशा अबूझ पहेली बने रहे। वह गेंद को जितना संभव हो उतनी ऊंचाई से छोड़ते थे और उनका नियंत्रण गजब का था। वह स्पिन की हर कला में निपुण थे। चाहे वह तेजी में बदलाव करना हो या वैरिएशन। उनकी फ्लाइट, आर्म बॉल और अचानक से की गई तेज गेंद पर बल्लेबाज चकमा खा बैठते थे।
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आर्म बॉल के उस्ताद थे बिशन सिंह बेदी
अगर ये रिकार्ड भी रखा जाता कि एक गेंदबाज ने किस तरह की गेंद पर सर्वाधिक विकेट लिए तो निश्चित रूप से आर्म बाल के मामले में उनसे आगे कोई नहीं होता। जब भी कोई बल्लेबाज उन पर हावी होने की कोशिश करता था तब वह आर्मर का उपयोग करते थे। ऐसा नहीं कि उन्हें हर बार आर्म बॉल करने पर सफलता ही मिलती थी लेकिन इस गेंद ने उन्हें कई अवसरों पर विकेट दिलाए।यह भी पढ़ें- Bishan Singh Bedi का वो ऐतिहासिक स्पेल, World Cup में 8 ओवर डाले थे मेडन, भारत को दिलाई थी ODI की पहली जीतबेदी ने लगभग 12 साल तक भारतीय गेंदबाजी का जिम्मा संभाला। यह बेहद कलात्मक बायें हाथ का स्पिनर अपनी पीढ़ी के बल्लेबाजों के लिये हमेशा अबूझ पहेली बना रहा। वह गेंद को जितना संभव हो उतनी ऊंचाई से छोड़ते थे और उनका नियंत्रण गजब का था।
बेदी ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 31 दिसंबर 1966 को वेस्टइंडीज के विरुद्ध कोलकाता के ईडन गार्डेंस में किया था और वह 1979 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने इस बीच 67 टेस्ट मैच खेले जिनमें 28.71 की औसत से 266 विकेट लिए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेदी के नाम पर 1560 विकेट दर्ज हैं।