DLS के जन्मदाता का हुआ निधन, T20 World Cup 2024 के बीच क्रिकेट जगत में पसरा मातम
क्रिकेट मैचों में जब बारिश आती है तो फैंस की टेंशन बढ़ जाती है कि अब क्या होगा। पहले ऐसा होता था लेकिन फिर इससे बचने के लिए मैचों के परिणाम निकालने के लिए डकवर्थ लुइस नियम लाया गया है। इस नियम को बनाने वालों में से एक शख्स का 84 साल की उम्र में निधन हो गया। ये खबर टी20 वर्ल्ड कप के बीच आई है।
पीटीआई, नई दिल्ली: इंग्लैंड के सांख्यिकीविद् और डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (डीएलएस) पद्धति को तैयार करने वालों में शामिल फ्रेंक डकवर्थ का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। डकवर्थ-लुईस पद्धति को डकवर्थ और उनके साथी सांख्यिकीविद् टोनी लुईस ने तैयार किया और इसका इस्तेमाल वर्षा से प्रभावित मैचों के नतीजे के लिए किया जाता है।
इस पद्धति को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे पहले 1997 में लागू किया गया और 2001 में आईसीसी उन मुकाबलों में संशोधित लक्ष्य देने की मानक प्रणाली के रूप इसे स्वीकार किया, जहां ओवरों की संख्या में कटौती होती है।
मिला सम्मान
डकवर्थ और लुईस की सेवानिवृत्ति और ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकीविद् स्टीवन स्टर्न द्वारा इसमें कुछ संशोधन के बाद इस पद्धति को डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नाम दिया गया। डकवर्थ और लुईस दोनों को जून 2010 में 'मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर' (एमबीई) से सम्मानित किया गया।
कन्फ्यूजन पैदा करता है नियम
ये नियम ऐसा है जिसने कई मैचों के परिणाम निकाले हैं और टीमों को खुशी का मौका भी दिया तो वहीं गम भी दिए हैं। ये नियम हालांकि अभी तक दर्शकों के लिए अबूझ पहेली सा है। इस नियम के तहत गणना किस तरह से की जाती है और कैसे किस टीम के लिए टारगेट सेट किया जाता, विजेता घोषित किया जाता है ये क्रिकेट फैंस के लिए साथ-साथ कई खिलाड़ियों के लिए भी काफी मुश्किल रहा है।