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42 साल बाद UPCA में चुनाव की आहट, BCCI के उपाध्यक्ष के गुट के खिलाफ ताल ठोकने की तैयारी

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ यानी यूपीसीए में चार दशक के बाद चुनाव होने की आहट सुनी जा रही है क्योंकि राकेश मिश्रा ने बीसीसीआइ के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के गुट के खिलाफ ताल ठोकने की तैयारी की है।

By Vikash GaurEdited By: Updated: Tue, 07 Sep 2021 08:40 AM (IST)
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UPCA में चुनाव की आहट सुनी जा रही है

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। 1979 के बाद उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) पहली बार चुनाव की ओर जाता दिख रहा है। गाजियाबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा के नेतृत्व में पहली बार विपक्षी गुट बीसीसीआइ उपाध्यक्ष और यूपीसीए के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला गुट के खिलाफ ताल ठोकने को तैयार है। हालांकि, इससे पहले राकेश और राजीव के बीच काफी बैठकें हुई जिसमें बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

राकेश मिश्रा ने दैनिक जागरण से कहा कि चुनाव होने चाहिए। इससे पता चलेगा कि यूपीसीए के सदस्य क्या चाहते हैं? हार या जीत मायने नहीं रखती। चीजें सुधारने के लिए कुछ कदम मजबूरी में उठाने पड़ते हैं। जब दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) वार्षिक आम सभा (एजीएम) और चुनाव प्रक्रिया की तरफ बढ़ गया है तो यूपीसीए को भी ऐसा करना चाहिए। नियमों के मुताबिक सितंबर में यूपीसीए की एजीएम और चुनाव होने चाहिए। यूपीसीए सचिव युद्धवीर सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

राकेश ने कहा कि वह सचिव पद पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं, जब बाकी पदों का चुनाव होगा तो उसके लिए पैनल तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर राज्य में शीर्ष परिषद की नियमित बैठक हो रही हैं। हमारे यहां फरवरी के बाद शीर्ष परिषद की बैठक नहीं हुई। हाल में लखनऊ में यूपीसीए के जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारियों को बुलाया गया था। शीर्ष परिषद की आनलाइन बैठक बुलाने की ईमेल आई थी लेकिन हम लोग चाहते थे कि यह बैठक सशरीर हो, जिसके कारण उस आनलाइन बैठक को रद कर दिया गया।

जब इस बारे में राजीव शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल तो चुनाव जैसी कोई बात ही नहीं है। हर बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की एजीएम के बाद ही यूपीसीए की एजीएम होती है। बीसीसीआइ की एजीएम चार महीने के लिए टल गई है। यूपीसीए की एजीएम भी दिसंबर तक हो सकती है और तब ही सचिव व अध्यक्ष पद के चुनाव हो पाएंगे। हमारी कोशिश है कि हर बार की तरह इस बार भी सर्वसम्मति से सब तय हो। हम तो सभी लोगों से बात करके ही यूपीसीए को चलाते हैं। अगर किसी को कोई समस्या है तो बात की जाएगी।