Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Mike Procter demise: क्रिकेट जगत में फैली शोक की लहर, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और कोच का 77 की उम्र में हुआ निधन

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और कोच माइक प्रोक्‍टर का 77 की उम्र में निधन हो गया। प्रोक्‍टर को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उनकी सर्जरी हुई थी। हालांकि सर्जरी के दौरान कुछ दिक्‍कत हुई और प्रोक्‍टर को आईसीयू में भर्ती कराया गया। माइक प्रोक्‍टर की हालत में सुधार नहीं हो सका और उनका निधन हो गया। माइक प्रोक्‍टर ने सात टेस्‍ट में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्‍व किया।

By Abhishek Nigam Edited By: Abhishek Nigam Updated: Sun, 18 Feb 2024 12:00 PM (IST)
Hero Image
माइक प्रोक्‍टर का 77 की उम्र में निधन हुआ (Pic Courtesy - X)

स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और कोच माइक प्रोक्‍टर का 77 की उम्र में निधन हो गया। प्रोक्‍टर के निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर फैल गई है। माइक प्रोक्‍टर दक्षिण अफ्रीका के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक थे। प्रोक्‍टर अलगाव के बाद के युग में दक्षिण अफ्रीका के पहले कोच थे।

माइक प्रोक्‍टर का फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्‍होंने 401 फर्स्‍ट क्‍लास मैचों में 21,936 रन बनाए और 1,417 विकेट लिए। जानकारी मिली है कि 77 साल के प्रोक्‍टर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके लिए उनकी सर्जरी कराई गई थी। सर्जरी के दौरान कुछ दिक्‍कत हुई, जिसके बाद प्रोक्‍टर को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।

पत्‍नी ने बताई सच्‍चाई

माइक प्रोक्‍टर की पत्‍नी मरायना ने दक्षिण अफ्रीकी वेबसाइट न्‍यूज24 को बताया, ''माइक प्रोक्‍टर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके लिए सर्जरी कराई थी। सर्जरी के दौरान प्रोक्‍टर को कुछ दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण आईसीयू में भर्ती किया गया। वो बेसुध हुए और दुर्भाग्‍यवश दोबारा आंख नहीं खोली।''

यह भी पढ़ें: भारत के सबसे उम्रदराज टेस्‍ट‍ क्रिकेटर 95 वर्षीय दत्‍ताजीराव गायकवाड़ का निधन, क्रिकेट जगत में फैली शोक की लहर

प्रोक्‍टर ने खेले सात टेस्‍ट

माइक प्रोक्‍टर का अंतरराष्‍ट्रीय करियर तीन साल (1967-1970) का रहा। इस दौरान उन्‍होंने सात टेस्‍ट मैच खेले और इसमें से छह में जीते। क्रिकेट जगत में अपनी गेंदबाजी शैली के लिए लोकप्रिय प्रोक्‍टर ने फैंस को प्रभावित किया जब 15.02 की औसत से 41 विकेट लिए।

हालांकि, प्रोक्‍टर के शानदार अंतरराष्‍ट्रीय करियर पर 1970 में ब्रेक लग गया जब रंगभेदी सरकार के कारण दक्षिण अफ्रीका पर प्रतिबंध लगा। इस समय दक्षिण अफ्रीका किसी भी क्रिकेट गतिविधि में शामिल नहीं हो पाया। भले ही प्रोक्‍टर का अंतरराष्‍ट्रीय करियर बेहतरीन नहीं रहा हो, लेकिन उनके फर्स्‍ट क्‍लास नंबर बेहतरीन रहे हैं।

16 साल का फर्स्‍ट क्‍लास करियर

माइक प्रोक्‍टर ने 16 साल फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट खेला। इसमें 14 सीजन इंग्लिश काउंटी के रहे। ग्‍लोसेस्‍टरशायर टीम की उन्‍होंने पांच साल कप्‍तानी भी की। फर्स्‍ट क्‍लास करियर में प्रोक्‍टर ने 48 शतक और 109 अर्धशतक जड़े। माइक प्रोक्‍टर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट इतिहास के अकेले खिलाड़ी हैं, जिन्‍होंने एक घरेलू सत्र में 500 रन बनाए और 50 विकेट चटकाए।

दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में वापसी

अपने करियर के 22 साल बाद माइक प्रोक्‍टर ने दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में वापसी की और 1992 वर्ल्‍ड कप में राष्‍ट्रीय टीम की कोचिंग की। दक्षिण अफ्रीका ने 1992 वर्ल्‍ड कप में सेमीफाइनल तक सफर तय किया। इसके बाद वो आईसीसी का हिस्‍सा बने और मैच रेफरी की भूमिका निभाई। प्रोक्‍टर ने दक्षिण अफ्रीका के चयनकर्ता संयोजक की भूमिका भी अदा की।

यह भी पढ़ें: Dattajirao Gaekwad: हजारे के कौशल को टक्कर देने वाले बल्लेबाज थे दत्ताजी राव गायकवाड़