BCCI के नाम पर युवा खिलाड़ियों से करोड़ों की ठगी, पूर्व सेलेक्टर बनकर की लूट, पैसे वापस मांगने पर मिली धमकी, जानिए पूरा मामला
आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज करके आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में कोच राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह पाली स्थित क्रिकेट अकादमी चलाते हैं। उनकी मुलाकात 2018 में घरेलू टूर्नामेंट खेलने के दौरान अताउल और नाबाम गुनिया और गोले काबो से हुई। ये तीनों अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन जिले के रहने वाले हैं।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता : अरुणाचल क्रिकेट टीम से अलग-अलग बीसीसीआई ट्रॉफी खिलाने के नाम पर एक करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपित ने खिलाड़ियों से अरुणाचल की टीम से ईरानी ट्राफी, सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी सहित कई अन्य नेशनल प्रतियोगिताएं खिलाने के नाम पर रुपये हड़पे।
आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज करके आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में कोच राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह पाली स्थित क्रिकेट अकादमी चलाते हैं। उनकी मुलाकात 2018 में घरेलू टूर्नामेंट खेलने के दौरान अताउल और नाबाम गुनिया और गोले काबो से हुई। ये तीनों अरुणाचल प्रदेश के नाहरलगुन जिले के रहने वाले हैं।
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इस तरह रची साजिश
नाबाम गुनिया ने स्वयं को अरुणाचल प्रदेश का पूर्व चीफ सिलेक्टर बताया। इन तीनों से राजेंद्र के सामने उनके खिलाड़ियों को अरुणाचल प्रदेश से बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट खिलाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने राजेंद्र से कहा कि वह उनके खिलाड़ियों को कूच बिहार ट्रॉफी अंडर-19, अंडर-15 सीके नायडू, अंडर-19 विजय मर्चेंट ट्राफी, मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी खिला देंगे। राजेंद्र की अकादमी के खिलाड़ी उनके इस प्रस्ताव से सहमत हो गए। अलग-अलग खिलाड़ियों ने शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का सदस्य बताने वाले इन तीनों को डेढ लाख रुपये की राशि दे दी।
राशि लेने के बाद उन्होंने कुछ खिलाड़ियों को अरुणाचल बुलाया। राजेंद्र अपने खिलाड़ी राहुल अडके, राहुल जावले, सिद्धार्थ थापलियाल, शिव बंजारा, पवन शुक्ला, अंकुर तिवारी के साथ ईटानगर पहुंच गए। अरुणाचल पहुंचने के बाद तीनों ने फिर से राजेंद्र और उनके खिलाड़ियों से पैसे की मांग की। खिलाड़ियों ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो आरोपितों ने भरोसा दिलाने के लिए अरुणाचल क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से फोन करवाया। खिलाड़ियों को मिलने के लिए क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस बुलाया गया। इसके बाद खिलाड़ियों ने भुगतान शुरू कर दिया। अताउल ने अलग-अलग बैंक खाते में राजेंद्र से 12 लाख रुपये डलवाए। इसके बाद खिलाड़ियों से बीसीसीआई के रजिस्ट्रेशन फार्म भरवा लिए गए।
अलग-अलग वर्ग के लिए रुपये की मांग
अताउल व उसके साथियों ने राजेंद्र से कहा कि अंडर-19 पुरुष वर्ग के लिए 10 लाख, अंडर-25 के लिए 15 लाख और सीनियर वर्ग के लिए 20 लाख रुपये लगेंगे। लड़कियों की अंडर-16 प्रतियोगिता में खिलाने के लिए सात लाख रुपये की मांग की। अलग-अलग वर्ग में खेलने की इच्छा रखने वाले खिलाडि़यों ने पैसे का भुगतान कर दिया। इसके बाद आरोपितों ने ट्रायल के दौरान कई खिलाड़ियों के नकली दस्तावेज बनाकर बीसीसीआई में भेज दिए। जांच में नकली दस्तावेज पकड़े जाने पर उनके कुछ खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया गया।
खिलाड़ियों पर बैन लगने के बाद आरोपितों ने राजेंद्र से कहा कि वह उनके दो लड़कों का अंडर-25 टूर्नामेंट में खिला देगा। राजेंद्र ने अंडर-25 टूर्नामेंट के लिए अकादमी में अभ्यास करने वाले खिलाड़ी हेमंत कुमार और श्रीनिकेत का नाम दिया। आरोपितों ने श्रीनिकेत के भी ट्रायल के दौरान नकली दस्तावेज लगा दिए। जिससे श्रीनकेत पर भी बैन लगा दिया गया। राजेंद्र के अनुसार, जब खिलाड़ियों ने अताउल और उसके साथियों से अपने रुपये वापस मांगे तो उनसे उनको धमकाना शुरू कर दिया। तीनों आरोपितों ने खिलाड़ियों से करीबन एक करोड़ रुपये की ठगी की है।
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