"बल्लेबाज के रूप में काफी...", Gautam Gambhir ने MS Dhoni की कप्तानी पर दिया अनोखा बयान
14 सितंबर 2007 आज का वो दिन भारतीय क्रिकेट का वो दिन है जब दुनिया के महान खिलाड़ी महेंन्द्र सिंह धोनी ने कप्तान के रूप में अपना पहला मैच खेला था। गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री करते हुए कहा कि धोनी ने बल्लेबाज के रूप में काफी पीछे रह गए। अगर वह कप्तान नहीं होते वे काफी ज्यादा रन जड़ सकते थे।
By Geetika SharmaEdited By: Geetika SharmaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 11:08 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Gautam Gambhir on MS Dhoni as batsman: 14 सितंबर 2007 आज का वो दिन भारतीय क्रिकेट का वो दिन है जब दुनिया के महान खिलाड़ी महेंन्द्र सिंह धोनी ने कप्तान के रूप में अपना पहला मैच खेला था। धोनी की कप्तानी में भारत ने कई बड़ी जीत हासिल की।
भारत को तीन आईसीसी ट्रॉफी जीताने वाले कप्तान-
धोनी दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिनकी कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की। आईसीसी टी20I विश्व कप 2007 में क्रिकेट की दुनिया के सबसे कड़े प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान के मैच में धोनी ने अपनी कप्तानी की शुरुआत की थी।
भारत ने जीता था मैच-
इस मैच में भारत 20 ओवर में 141 रन पर 9 विकेट गंवाने के बाद इसे टाई करने में सफल रहा था। बाद में भारत ने बॉल-आउट में इस मैच को अपने नाम किया था। इसके चलते धोना के पहले मैच में भारत ने पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर उद्घाटन आईसीसी टी20 विश्व कप खिताब पर कब्जा कर लिया।ये भी पढ़ें:- Dhoni ने इस बल्लेबाज को बनाया Team India का स्टार, आज टॉप गेंदबाजों को चटा रहा धूल, गौतम गंभीर ने किया खुलासा
गंभीर ने दिया बड़ा बयान-
एशिया कप 2023 के सुपर 4 मुकाबले में आज श्रीलंका और पाकिस्तान का मुकाबला बारिश के कारण देरी से शुरू हुआ। इस बीच पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कमेंट्री करते हुए धोनी का कप्तान के तौर पहले मैच को याद करते हुए स्टार स्पोर्ट्स से बात की।टीम को पहले रखा-
गंभीर ने कहा कि धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल की, लेकिन धोनी एक बल्लेबाज के रूप में काफी पीछे रह गए। गंभीर ने कहा कि एक कप्तान होने के नाते आपको टीम को पहले रखना पड़ता है और खुद को बाद में और धोनी ने ऐसा ही किया है।
उन्होंने कहा कि धोनी अपने करियर और ज्यादा रन अपने नाम कर सकते थे और वे कई बड़े बल्लेबाजों के रिकॉर्ड्स को अपने नाम करने की क्षमता रखते थे।