IND vs ENG: रोहित शर्मा को बेहतर कप्तान मानने को तैयार नहीं पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी, Stokes की कर रहे तरफदारी; बोले- मुझे गलत मत समझना...
इंग्लैंड की टीम भारत की धरती पर 12 साल का सूखा एकबार फिर खत्म करने में नाकाम रही। बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लिश टीम ने सीरीज का आगाज जीत के साथ किया था। हालांकि इसके बाद टीम के प्रदर्शन का ग्राफ बुरी तरह से नीचे गिरा जिसके चलते टीम को अगले चार टेस्ट मैचों में लगातार हार झेलनी पड़ी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। एक बड़ी पुरानी कहावत है, "रस्सी जल गई पर बल नहीं गया।" यही हाल इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ियों का है। भारत की धरती पर टेस्ट सीरीज में 4-1 से पटखनी खाने के बावजूद पूर्व इंग्लिश प्लेयर्स की ऐंठन कम होने का नाम नहीं ले रही है। रोहित की पलटन ने स्टोक्स एंड कंपनी को टेस्ट सीरीज में शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इसके बाद ग्रीन स्वान रोहित को बेहतर कप्तान मानने को तैयार नहीं हैं।
'बेहतर कप्तान नहीं रोहित'
ग्रीम स्वान ने पीटीआई के साथ बातचीत करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता है कि वह (रोहित शर्मा) कप्तान के तौर पर बेहतर रहे, क्योंकि गेंदबाजों ने उनके लिए सारा काम किया। मेरे हिसाब से उनके पास आर्मरी में ज्यादा हथियार मौजूद थे। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया, पर मुझे गलत मत समझिए। रोहित शर्मा कैप्टन अच्छे हैं, पर अगर आपको लगता है कि बेन स्टोक्स ने खराब कैप्टेंसी की तो यह गलत है।"
पूर्व इंग्लिश स्पिनर ने आगे कहा, "रोहित शर्मा के गेंदबाजों ने काफी दमदार प्रदर्शन किया। खासतौर पर आखिरी चार टेस्ट मैचों में। पहले टेस्ट में भले ही भारतीय बॉलर्स का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन अगले चार मैचों में उन्होंने कमाल का खेल दिखाया।"
बैजबॉल अप्रोच पर क्या बोले स्वान?
ग्रीम स्वान ने बैजबॉल अप्रोच को गलत ठहराने से साफतौर पर इनकार किया। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि इस दौरे पर हमको बैजबॉल अप्रोच देखने को मिली। हमने यह अप्रोच सिर्फ एक ही पारी में देखी, जब ओली पोप ने 190 रन बनाए और वही बैजबॉल की परिभाषा थी। मुझे नहीं लगता है कि इंग्लैंड उस अप्रोच के साथ खेली, जिसको आपको मीडिया वाले बैजबॉल कहते हैं।"
खत्म नहीं हो सका 12 साल का सूखा
इंग्लैंड की टीम भारत की धरती पर 12 साल का सूखा एकबार फिर खत्म करने में नाकाम रही। बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लिश टीम ने सीरीज का आगाज जीत के साथ किया था। हालांकि, इसके बाद टीम के प्रदर्शन का ग्राफ बुरी तरह से नीचे गिरा, जिसके चलते टीम को अगले चार टेस्ट मैचों में लगातार हार झेलनी पड़ी।