Graham Thorpe ने की थी आत्महत्या, मौत के 7 दिन बाद पत्नी ने किया चौंकाने वाला खुलासा, जानिए क्या थी वजह
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ग्राहम थोर्प का कुछ दिन पहले निधन हो गया था। उनका निधन कैसे और क्यों हुआ था इस बारे में जानकारी नहीं मिली थी। थोर्प की मौत के सात दिन बाद उनकी पत्नी अमांडा ने बताया है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। थोर्प ने इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट मैच और 82 वनडे मैच भी खेले थे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पिछले सप्ताह इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज ग्राहम थोर्प का निधन हो गया। अब उनकी पत्नी ने इस मामले में एक खुलासा किया है। थोर्प की पत्नी अमांडा ने बताया है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। उनकी पत्नी ने बताया है कि थोर्प डिप्रेशन से जूझ रहे थे और इसी के चलते उन्होंने अपनी जान ले ली।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और सरे क्रिकेट क्लब ने पांच अगस्त को जानकारी दी थी कि इंग्लैंड के इस पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज का निधन हो गया है। थोर्प ने इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट मैच, 82 वनडे खेले थे। थोर्प ने कोचिंग में भी हाथ आजमाया था।
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थोर्प की हालत को रखा गया प्राइवेट
थोर्प को मार्च 2022 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था, लेकिन उन्होंने ये पद नहीं संभाला था और ब्रेक ले लिया था। तब से थोर्प की स्थिति और उनकी बीमारी के बारे में सब कुछ प्राइवेट रखा गया था। थोर्प की मौत के बाद उनकी पत्नी अमांडा ने पहली बार मीडिया से बात की और बताया कि वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
टाइम्स से बात करते हुए अमांडा ने कहा,"पत्नी और दो बेटी जिन्हें वे बेहद प्यार करते थे और वो भी उन्हें बेहद प्यार करती थीं, के साथ होने के बाद भी उनकी तबीयत बेहतर नहीं हो सकी। हाल के समय में वह काफी बीमार थे। वह ये मानते थे कि अगर हम उनके बिना रहेंगे तो अच्छा होगा। हम इस बात से बेहद दुखी हैं कि उन्होंने इस बात को मानते हुए अपनी जान ले ली।"
किसी इलाज ने नहीं किया काम
थोर्प की पत्नी ने कहा कि उन्होंने कई तरह के इलाज करवाए, लेकिन किसी ने भी कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा, "बीते कुछ सालों से, थोर्प काफी बुरी तरह से डिप्रेशन और एंजाइटी से जूझ रहे थे। इसी कारण उन्होंने अपनी जिंदगी को लेकर मार्च 2022 में एक बड़ा फैसला किया। इस कारण वह लंबे समय तक आईसीयू में रहे। उम्मीद की किरण के बाद भी पुराने थोर्प दोबारा वापस नहीं आ सके। वह डिप्रेशन और एंजाइटी से जूझते रहे, जो बाद में काफी खतरनाक हो गई। हमने एक परिवार के तौर पर उनको सपोर्ट किया और कई तरह के इलाज कराए, लेकिन किसी ने भी काम नहीं किया।
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