History of Cricket: बेहद पेचीदा है क्रिकेट का इतिहास, कुछ यूं पूरी दुनिया भर में फैला फिरंगी खेल का जादू
History of Cricket एक जमाने में क्रिकेट फिरंगी खेल था लेकिन वहां से निकल कर यह दुनिया के विकसित और विकासशील देशों में जा पहुंचा। आज जिस रूप में हम क्रिकेट के खेल को देखते हैं ये पहले ऐसा नहीं था। पहले-पहल इसे लड़कों का खेल कहा जाता था। बाद इससे ग्रामीण खेल के रूप में मान्यता मिली। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ी और यह इंग्लैंड का प्रमुख खेल बन गया।
By Umesh KumarEdited By: Umesh KumarUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:26 PM (IST)
नई दिल्ली, उमेश कुमार। खेल का जिक्र होता है, तो हमारे मन और मस्तिष्क में पहला नाम क्रिकेट का ही आता है। खेल की दुनिया में क्रिकेट जैसा ओदा शायद ही किसी खेल का होगा। पिछले कुछ दशकों में क्रिकेट ने देश के लोगों को दीवाना कर रखा है। क्रिकेट का खेल आयोजित करके राष्ट्रों के बीच दोस्तियां बनाई जाती हैं। सच कहा जाए तो यह खेल धीरे-धीरे एकता का प्रतीक बनता जा रहा है। क्रिकेट का खेल इस कदर मशहूर हो चुका है कि फैन्स इस खेल के खिलाड़ियों को अपना आदर्श तक मानने लगे हैं।
एक जमाने में क्रिकेट फिरंगी खेल था, लेकिन वहां से निकल कर यह दुनिया के विकसित और विकासशील देशों में जा पहुंचा। आज जिस रूप में हम क्रिकेट के खेल को देखते हैं, ये पहले ऐसा नहीं था। आज हम आपको, इसके लंबे और टेढ़े-मेढ़े सफर के इतिहास के बारे में बताएंगे।
बात इतिहास की, जब शुरू हुआ क्रिकेट
आधुनिक क्रिकेट, इंग्लैंड के लोगों की उपज मानी जाती है। फ्रेंच भाषा के एक शब्द 'Croquet' से ही क्रिकेट नाम की उत्पत्ति मानी जाती है। विशेषज्ञों की आम सहमति है कि क्रिकेट की उत्पत्ति आज से कई सौ साल पहले सैक्सन या नॉर्मन (450 ई. या 1066 ई.) काल में हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के वेल्ड में रहने वाले बच्चों ने उस दौरान इस खेल को खेला था। क्रिकेट को वयस्क खेल के रूप में खेले जाने का पहला प्रमाण 1611 ई. में मिलता है। उस दौरान इसे लड़कों के खेल के रूप में परिभाषित किया गया था।ग्रामीण खेल के रूप में मिली पहचान
इंग्लैंड में पहले क्रिकेट को अलग-अलग नियमों के तहत गेंद-डंडे से खेला जा रहा था। सत्रहवीं सदी में एक क्रिकेट को ग्रामीण खेल के रूप में आम पहचान मिली। धीर-धीरे यह इतना लोकप्रिय हो गया कि लोग रविवार को चर्च न जाकर मैच खेलने निकल जाते थे। ऐसे में क्रिकेट के दीवानों पर जुर्माना लगाया जाता था। 17वीं सदी के मध्य तक ग्रामीण क्रिकेट विकसित हो चुका था और पहली अंग्रेजी 'काउंटी टीमें' सदी के उत्तरार्ध में बनाई गईं। गांव के जानकारों को क्रिकेट के स्थानीय विशेषज्ञों के रूप में नियुक्त किया गया। 1709 में पहली बार टीमें काउंटी नाम का उपयोग करने लगी थीं।पुरुषों के अलावा महिलाओं ने भी थामा हाथ में बल्ला
18वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में क्रिकेट ने खुद को लंदन और इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में काउंटी खेल के रूप में एक प्रमुख खेल के रूप में स्थापित किया। इंग्लैंड के औपनिवेशिक क्षेत्रों के प्रसार के चलते यह धीरे-धीरे इंग्लैंड के अन्य हिस्सों में लोकप्रियता हासिल कर रहा था। 1744 ईस्वी में क्रिकेट के पहले नियम लिखे गए। इसके एक साल बाद ही महिलाओं ने भी क्रिकेट के खेल में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। 1745 में महिला क्रिकेट का पहला ज्ञात मैच खेला गया।
दुनिया का पहला क्रिकेट क्लब हैम्बलडन में 1760 ईस्वी में बना। 1744 में बनाए गए क्रिकेट के नियम, 1774 में संशोधित किए गए। इस बार एलबीडब्ल्यू, मध्य स्टंप और अधिकतम बल्ले की चौड़ाई जैसी नई चीचें जोड़ी गईं। इन नियमों को कोड स्टार एंड गार्टर क्लब द्वारा तैयार किया गया था।इस क्लब के सदस्यों ने 1787 ईस्वी में लॉर्ड्स में प्रसिद्ध मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब की स्थापना की। एमसीसी (MCC) को क्रिकेट कानूनों का संरक्षक बनाया गया। तब से लेकर आज तक इसमें कई संशोधन किए गए हैं।