IND vs ENG: सरफराज खान ने स्पिन पर कैसे महारत हासिल की? नेट्स पर रोजाना 500 गेंदें खेली और 1600 किमी की कार यात्रा
सरफराज खान ने राजकोट टेस्ट की दोनों पारियों में अर्धशतक जमाकर अपने टेस्ट डेब्यू को यादगार बनाया। सरफराज खान ने स्पिनर्स का बखूबी सामना किया और उन पर पूरी तरह हावी होकर खेले। सरफराज की काफी तारीफ हुई कि उन्होंने स्पिनर्स का अच्छी तरह सामना किया लेकिन इसके पीछे की कड़ी मेहनत कम ही लोगों को पता है। सरफराज के बारे में प्रमुख बातें जानें यहां।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। सरफराज खान ने अपने डेब्यू टेस्ट में इंग्लिश स्पिनरों पर करारा प्रहार किया जो कि कोई तुक्का नहीं था। इसके पीछे सरफराज खान की 15 साल की कड़ी मेहनत शामिल है, जिन्होंने अपने पिता नौशाद खान की निगरानी में रोजाना नेट्स पर 500 गेंदों का सामना किया।
सरफराज खान ने अपने डेब्यू टेस्ट में दोनों पारियों में अर्धशतक जड़े और दिखाया कि वो भारतीय टीम में अपनी जगह स्थायी करने आए हैं। 26 साल के सरफराज खान ने घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत करने के बाद डेब्यू कैप हासिल की। सरफराज खान ने क्रिकेट की बारीकियां पिता के 'माचो क्रिकेट क्लब' में सीखी।
कोविड-19 के दो लॉकडाउन और पिछले कुछ साल की कड़ी मेहनत व विधिवत योजना का ही प्रभाव रहा कि सरफराज ने टॉम हार्टली, जो रूट और रेहान अहमद का राजकोट में अच्छी तरह सामना किया।
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सरफराज की कड़ी मेहनत
सरफराज को मुंबई में आगे बढ़ते हुए करीब से देखने वाले कोच ने कहा, 'सरफराज खान ने मुंबई में आजाद मैदान, क्रॉस और ओवल में ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनर्स का सामना करके प्रति दिन 500 गेंदों का सामना किया। कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कार से करीब 1600 किमी की यात्रा की। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून में उन्होंने यात्रा की और अखाड़ा में खेला, जहां गेंद काफी टर्न होती है। यहां अनियमित उछाल है, कहीं गेंद उछाल प्राप्त करती है तो कहीं नीची रह जाती है।'सरफराज खान ने स्पिनर्स का सामना आसानी से जरूर किया, लेकिन उन्होंने कड़ा रास्ता अपनाकर अपनी शैली को परिपक्व किया। सरफराज खान की प्रगति का अकेले श्रेय उनके पिता नौशाद भर को नहीं दे सकते हैं। भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और अभिमन्यु ईस्वरन के पिता आरपी ईस्वरन ने सरफराज की प्रगति में योगदान दिया।
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