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ICC ने BCCI को दी T20 वर्ल्ड कप को शिफ्ट करने की धमकी, सुलझाना होगा ये मुद्दा

ICC और BCCI के बीच फिर से एक नया विवाद शुरू हो गया है जिसमें आइसीसी ने T20 वर्ल्ड कप को भारत से शिफ्ट करने की धमकी दी है।

By Vikash GaurEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 08:52 AM (IST)
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ICC ने BCCI को दी T20 वर्ल्ड कप को शिफ्ट करने की धमकी, सुलझाना होगा ये मुद्दा
नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच फिर से तनातनी शुरू हो गई है। यहां तक कि अब आइसीसी ने बीसीसीआइ को भारत से 2021 में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को शिफ्ट करने की धमकी भी दे दी है। टैक्स से जुड़े मामले की वजह से दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड को ये धमकी क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से मिली है।

आइसीसी ने बीसीसीआइ को बोल दिया है कि बोर्ड के पास से 2021 मेंस टी0 वर्ल्ड कप के अधिकारों को छीना जा सकता है, अगर बीसीसीआइ भारत सरकार से टूर्नामेंट के लिए कर छूट (Tax Exemption) को सुरक्षित करने में सफल नहीं होती है। ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, आइसीसी और बीसीसीआइ के बीच जमकर ईमेलबाजी हुई है। ICC ने BCCI को बताया कि उसे इस साल 18 मई तक एक "बिना शर्त पुष्टि" प्रदान करनी थी कि भारत सरकार के साथ समन्वय में एक लंबे समय से समस्या का समाधान पाया गया है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

इसके इतर, बीसीसीआइ चाहती है कि कोविड-19 महामारी की वजह से इसकी समय सीमा को कम से कम 30 जून तक बढ़ा दिया जाए, लेकिन आइसीसी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। आइसीसी के वकील जोनाथन हॉल ने 29 अप्रैल को बीसीसीआइ को लिखा था "बीसीसीआइ के बल के प्रदर्शन की अधिसूचना के प्रकाश में, हम मेजबान समझौते के बीसीसीआइ पर दायित्व को उजागर करेंगे और IBC (ICC Business Corporation) 18 मई 2020 को किसी भी समय तत्काल प्रभाव से समझौते को समाप्त करने का हकदार है।"

क्या है ये विवाद

ICC और BCCI के बीच हुआ ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी भारत की मेजबानी में हुए 2016 के टी20 वर्ल्ड कप की वजह से आइसीसी को 20 से 30 मिलियन यूएस डॉलर का नुकसान हुआ था, क्योंकि बीसीसीआइ ने कर छूट के लिए भारत सरकार से अनुमति नहीं ली थी। फरवरी 2018 में भी आइसीसी बोर्ड ने पहली बार बीसीसीआइ को चेतावनी दी थी कि 2021 के टी20 वर्ल्ड कप और 2023 के वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी हट सकती है, क्योंकि अगर आइसीसी को कर छूट नहीं मिलती है तो उसके 100 मिलियन यूएस डॉलर का नुकसान होगा।