WT20 WC: खिताबी सूखा खत्म करने उतरेंगी भारतीय बेटियां, न्यूजीलैंड से होगी पहली भिड़ंत
टूर्नामेंट की शुरुआत गुरुवार को शारजाह में होने वाले दो मैचों से होगी। इनमें पहला मैच बांग्लादेश और स्काटलैंड तथा दूसरा मैच पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला जाएगा। 10 टीमों के बीच खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को हराना हराना सभी टीमों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। हरमनप्रीत की टीम के लिए इस बार सबसे बड़ी चुनौती ऑस्ट्रेलिया से ही पार पाना है।
नई दिल्ली, जेएनएन। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय महिला टीम गुरुवार से शुरू हो रहे महिला टी-20 वर्ल्ड कप में इस बार खिताबी सूखा समाप्त करने उतरेगी। इस वर्ष जून में पुरुष टीम के टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अब भारतीय बेटियां भी यह ट्रॉफी जीतकर देशवासियों को एक बार फिर गौरवान्वित करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय टीम अब तक केवल एक बार 2020 में फाइनल में पहुंची थी और यहां उसे ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी। इस बार भारतीय टीम खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है। महिला टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन पहले बांग्लादेश में होना था, लेकिन शेख हसीना सरकार का तख्तापलट होने के बाद उपजी राजनीतिक स्थिरता के कारण आईसीसी ने टूर्नामेंट को यूएई में कराने निर्णय लिया।
पहला मैच में बांग्लादेश और स्कॉटलैंड होंगे आमने-सामने
टूर्नामेंट की शुरुआत गुरुवार को शारजाह में होने वाले दो मैचों से होगी। इनमें पहला मैच बांग्लादेश और स्कॉटलैंड तथा दूसरा मैच पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला जाएगा। 10 टीमों के बीच खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को हराना हराना सभी टीमों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। अभी तक इस प्रतियोगिता का नौ बार आयोजन किया जा चुका है जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने छह बार खिताब जीता है।वह पिछली तीन बार का चैंपियन भी है। हरमनप्रीत की टीम के लिए इस बार सबसे बड़ी चुनौती ऑस्ट्रेलिया से ही पार पाना है। भारतीय टीम को हाल में एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उसे तैयारी का बहुत मौका नहीं मिला। टीम ने अपनी फिटनेस और क्षेत्ररक्षण पर काफी काम किया है और उम्मीद है कि इसके सकारात्मक परिणाम टूर्नामेंट के दौरान देखने को मिलेंगे।
परिस्थितियां भारत के अनुकूल
यहां की परिस्थितियां भारतीय टीम के अनुकूल हो सकती हैं। बल्लेबाजी विभाग में आरंभिक बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना पर जिम्मेदारी होगी जबकि हरमनप्रीत और रिचा घोष को बीच के ओवरों और डेथ ओवरों में अपनी भूमिका निभानी होगी। हरमनप्रीत 2018 से टीम की कमान संभाल रही हैं और इस बार उन पर दबाव होगा क्योंकि टीम के असफल होने पर उन्हें अपनी कप्तानी से हाथ धोना पड़ सकता है।भारत के अलावा इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका भी खिताब जीतने की प्रबल दावेदारों में से हैं। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले टी-20 विश्व कप में अपने घरेलू मैदान पर अच्छा प्रदर्शन किया था। उसकी टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां उसे ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया था। उसकी टीम ने हाल में मिला-जुला प्रदर्शन किया है लेकिन यहां वह कुछ चौंकाने वाले परिणाम दे सकती है।