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BGT 2024: टीम इंडिया को ऑस्‍ट्रेलिया में भारी न पड़ जाए अपनी बड़ी कमजोरी, रोहित-गंभीर ने नहीं ढूंढा समाधान तो हैट्रिक का सपना होगा चूर-चूर!

भारतीय टीम को साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। टीम इंडिया ने अपने पिछले दो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज जीती है और इस बार भारत जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगा। लेकिन इसके लिए उसे सही टीम संयोजन खोजना होगा। ऑस्ट्रेलिया की पिचों के लिहाज से भारत के पास एक खास तरह का ऑलराउंडर नहीं है जो उसे नुकसान पहुंचा सकता है।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 24 Sep 2024 03:49 PM (IST)
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रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के सामने बड़ी चुनौती
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम को साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। टीम इंडिया इस सीरीज को अपने नाम कर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत की हैट्रिक पूरी करना चाहिए, लेकिन इसके लिए उसे सही टीम संयोजन चाहिए होगा जिसमें रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन नहीं बल्कि एक खास तरह के ऑलराउंडर की जरूरत होगी।

ऑस्ट्रेलिया की पिचें तेज और बाउंस करने वाली हैं। यहां गेंदों को अच्छा उछाल मिलता है। इसलिए यहां तेज गेंदबाज सफल होते हैं। टीम इंडिया जब अपने घर में खेलती है तो वह कम से कम दो स्पिनर खिलाती है जिसमें जडेजा और अश्विन होते हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हालात को देखते हुए टीम एक ही स्पिनर खिला पाएगी क्योंकि बाकी अटैक में उसे ज्यादा से ज्यादा तेज गेंदबाज चाहिए होंगे।

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तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरूरत

ऑस्ट्रेलिया में पिचों की स्थिति को देखते हुए टीम इंडिया के लिए जरूरी होगी कि वह अपनी प्लेइंग इलेवन में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर को मौका दे। इससे टीम को बल्लेबाजी में गहराई मिलेगी जो भारत में दो स्पिन ऑलराउंडर खिलाने से मिलती है और साथ ही तेज गेंदबाजी अटैक भी मजबूत होगा। हाल ही में चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज लड़खड़ा गए थे। फिर अश्विन और जडेजा ने पारी को संभाला था और टीम इंडिया ने वापसी की थी।

ऑस्ट्रेलिया में भारत पिचों को देखते हुए दो स्पिनर नहीं खिला सकता। इसलिए उसे तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरूरत होगी ताकि अगर बल्लेबाजी बिखरती है तो निचले क्रम में उसे संभालने वाला हो सके जैसा अश्विन और जडेजा ने किया था। अगर टीम के पास ऐसा कोई ऑलराउंडर नहीं होगा तो गेंदबाजी तो मजबूत होगी लेकिन बल्लेबाजी कहीं न कहीं कमजोर रहेगी।

पिछले दौरे पर किया था काम

देखा जाए तो पिछले दौर पर टीम में एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर था जिसने अहम मौके पर बल्ला चला टीम को बचाया था। ब्रिस्बेन के गाबा में खेले गए आखिरी मैच की पहली पारी में शार्दुल ठाकुर ने 67 रनों का योगदान दिया था। उनकी ये पारी काफी असरदार साबित हुई थी। यानी पिछला अनुभव भी बताता है कि भारत को ऑस्ट्रेलिया में एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की सख्त जरूरत होगी।

भारत के पास इस समय ऐसा कोई खिलाड़ी दिख नहीं रहा है जो इस कमी को पूरा कर सके। ठाकुर पिछले दौरे पर थे लेकिन इस समय वह फिटनेस से जूझ रहे हैं। रोहित शर्मा और गौतम गंभीर को इसका जल्दी समाधान निकालना होगा नहीं तो ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत की हैट्रिक लगाना मुश्किल हो जाएगा।

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