IND vs AUS Final: पहले कपिल फिर धोनी और अब रोहित शर्मा की है बारी, तीनों ने मिलकर लिखा है भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम युग
रोहित शर्मा ने आक्रामकता और संयम के बीच संतुलन बनाकर एक चतुर दिमाग का भी परिचय दिया है। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 में हाल ही में 10 मैचों की जीत की लय ने फैंस के बीच एक अनोखी बहस छेड़ दी है। क्रिकेट फैंस उनके और अन्य भारतीय विश्व कप विजेता कप्तानों कपिल देव और एमएस धोनी के बीच तुलना कर रहे हैं।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। रोहित शर्मा वनडे विश्व कप में टीम इंडिया का नेतृत्व करने वाले आठवें कप्तान बन गए। अपने बेखौफ बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले, रोहित शर्मा ने न केवल लगातार रन बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी प्रतियोगिता के दौरान एक रणनीतिक के तहत टीम का आगे से बढ़कर नेतृत्व किया है।
रोहित शर्मा ने आक्रामकता और संयम के बीच संतुलन बनाकर एक चतुर दिमाग का भी परिचय दिया है। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 में हाल ही में 10 मैचों की जीत की लय ने फैंस के बीच एक अनोखी बहस छेड़ दी है। क्रिकेट फैंस उनके और अन्य भारतीय विश्व कप विजेता कप्तानों, कपिल देव और एमएस धोनी के बीच तुलना कर रहे हैं।
इन तीनों ने भारतीय क्रिकेट परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। कपिल देव की ऐतिहासिक जीत, एमएस धोनी के प्रभुत्व का युग और रोहित शर्मा की रणनीतिक कप्तानी ने नेतृत्व शैलियों ने अपना-अपना योगदान दिया है, जिसने भारतीय क्रिकेट का स्वर्णिम युग लिख दिया।
कप्तानी का युग
कपिल देव को उस टीम की कप्तानी सौंपी गई, जिसमें विश्व क्रिकेट पर हावी होने के लिए महत्वाकांक्षा और संसाधनों का अभाव था। हालांकि, इन कमियों के बावजूद, उन्होंने टीम को सफलतापूर्वक एकजुट किया। टीम में जीत की एक इच्छा जगाई, जो आज तक कायम है।
इस बीच, एमएस धोनी ने युवा जोश और वैश्विक क्रिकेट मंच पर खुद को स्थापित करने की गहरी इच्छा के साथ एक टीम संभाली। उन्होंने एक ऐसी टीम बनाई जो न सिर्फ प्रतिभाशाली थी बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत थी। धोनी ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के निडर ब्रांड के क्रिकेट को जारी रखा, जिसने भारत को सीमित ओवरों के प्रारूप में सफलता हासिल की और टेस्ट क्रिकेट में महत्वपूर्ण प्रगति की।
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एमएस धोनी ने विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसी युवा प्रतिभाओं को अवसर देने, क्रिकेटरों की एक नई पीढ़ी का पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो आगे चलकर भारतीय क्रिकेट के महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनकर उभरे।
दूसरी ओर, रोहित शर्मा को विराट कोहली से विजयी मानसिकता वाली टीम विरासत में मिली है। रोहित शर्मा ने विराट कोहली और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों और हार्दिक पांड्या और जसप्रित बुमराह जैसे होनहार युवाओं के बीच संतुलन बनाया, जिसने टीम को नबंर वन बना दिया।
नेतृत्व शैली
भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव अपनी आक्रामक और प्रेरणादायक नेतृत्व शैली के लिए जाने जाते थे। मैदान पर उनका दृष्टिकोण उनके कभी न हार मानने वाले रवैये को दर्शाता है, जिसकी परिणति 1983 विश्व कप की ऐतिहासिक जीत में हुई, जो भारतीय क्रिकेट में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक थी।
इस बीच, एमएस धोनी, जिन्हें 'कैप्टन कूल' कहा जाता है, कप्तानी में शांत और संयमित रवैया लेकर आए। दबाव में शांत रहने की उनकी क्षमता उनके नेतृत्व का पर्याय बन गई। शांत वातावरण बनाए रखते हुए रणनीतिक निर्णय लेने की धोनी की क्षमता उन्हें अलग बनाती है।
दूसरी ओर, रोहित शर्मा के पास अधिक सामरिक और लचीली नेतृत्व शैली है। रोहित शर्मा ने खेल को समझने और मैदान पर प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता प्रदर्शित की है। वह अपनी नेतृत्व शैली से भारतीय क्रिकेट व्यवस्था में आक्रामकता और रणनीतिक सोच का मिश्रण लेकर आए हैं।
भारतीय क्रिकेट पर प्रभाव
कपिल देव को 1983 में भारतीय टीम को पहली क्रिकेट विश्व कप ट्रॉफी दिलाने के लिए याद किया जाता है। विश्व कप की जीत ने भारतीय क्रिकेट को वैश्विक पहचान दिलाई और देश को क्रिकेट की दुनिया में एक मजबूत ताकत बनने का मार्ग प्रशस्त किया।
एमएस धोनी के नेतृत्व में, भारत ने अभूतपूर्व सफलता देखी, 2007 में आईसीसी विश्व टी20, 2011 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती। एमएस धोनी की कप्तानी का युग व्यापक रूप से भारतीय क्रिकेट में सबसे सफल युग में से एक माना जाता है।
इस बीच रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट पर खासा प्रभाव डाला है। उन्होंने भारतीय ड्रेसिंग रूम में एक सकारात्मक और आरामदायक माहौल बनाया है। उन्होंने जसप्रित बुमराह, मोहम्मद सिराज और शुभमन गिल जैसी युवा प्रतिभाओं को लगातार मौके दिए हैं।