2007 से खास है 2024 टी20 वर्ल्ड कप की जीत, रोहित शर्मा की साख थी दांव पर, बहुत बदल गई कहानी
भारतीय क्रिकेट टीम ने पहला टी20 वर्ल्ड कप-2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था। इसके बाद भारत को 17 साल का इंतजार करना पड़ा। 2024 में टीम इंडिया दोबारा चैंपियन बनी। इस दोनों जीतों में काफी लंबा अंतराल है और देखा जाए तो 2007 की तुलना में 2024 की ये विश्व कप जीता काफी स्पेशल है और इसके कई मायने हैं।
आईएएनएस, नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में टी-20 विश्व कप में अजेय रहकर चैंपियन बनने की मिसाल पहली बार कायम की है। भारत ने पहली बार 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टी-20 विश्व कप जीता था। तब यह प्रतियोगिता काफी हल्के-फुल्के माहौल में खेली गई थी। टी-20 प्रारूप तब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिल्कुल नया था और पहली बार इस प्रारूप में विश्व कप खेला गया था।
लेकिन 2024 का विश्व कप आते-आते टी-20 प्रारूप बेहद प्रतिद्वंद्वी बन चुका है। कई मायने में रोहित शर्मा की टीम की जीत 2007 की जीत की तुलना में काफी विशेष रही। आज कई पेशेवर टी-20 लीग खेली जा रही हैं, जिससे यह प्रारूप पूरी तरह बदल चुका है।यह भी पढ़ें- PM Narendra Modi ने टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी को क्यों नहीं लगाया हाथ? जानिए वजह
धोनी पर नहीं था दबाव
2007 में भारत पर ये विश्व कप जीतने का इतना दबाव नहीं था क्योंकि टी-20 को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता था। इसी कारण सचिन, राहुल द्रविड़ समेत कई सीनियर खिलाडि़यों ने विश्व कप में खेलना जरूरी नहीं समझा, जिसके बाद धोनी को कप्तान बनाया गया और टीम में युसूफ पठान, रोहित शर्मा, जोगिंदर शर्मा सहित कई ऐसे खिलाड़ी थे, जो पहली बार खेल रहे थे। खिलाड़ी खुद खास दबाव में नहीं थे लेकिन प्रतियोगिता का अंत आते-आते यह समझ में आ चुका था कि टी-20 का रोमांच अपने चरम को छूने की शुरुआत कर चुका है।
2024 तक टी-20 विश्व कप में टीमों के बीच की प्रतिद्वंद्विता को इसी बात से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, श्रीलंका जैसी बड़ी टीमें सुपर-8 में भी नहीं पहुंच सकी। वहीं दूसरी ओर पहली बार टी-20 विश्व कप खेल रही अमेरिका की टीम ने पाकिस्तान को मात देकर इतिहास रच दिया।
कप्तानी भी खास
कप्तानी के स्तर पर भी यह जीत बहुत विशेष है क्योंकि धोनी जहां 26 साल की उम्र में भारत को विश्व कप खिताब दिलाने वाले सबसे युवा कप्तान थे तो रोहित शर्मा 37 साल की उम्र में ये कप जीतने वाले सबसे उम्रदराज कप्तान बन गए। ये रोहित शर्मा का अंतिम विश्व कप भी था और कप्तानी की साख भी दांव पर थी। फाइनल में जीत के बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा जैसे दिग्गजों के संन्यास ने इस जीत को और भी यादगार बना दिया है।
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