11 साल, सिर्फ इंतजार; 2013 के बाद से भारत ने नहीं जीती है कोई भी आईसीसी ट्रॉफी, रोहित ब्रिगेड के पास है मौका
1983 में गेहुंए रंग घने बाल और गर्राबी मूंछों वाला एक भारतीय जब लॉर्ड्स की बालकनी में सिर पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी रखकर खिलखिला रहा था तो भारत में क्रिकेट की कोपलों ने पत्तों का रूप लेना शुरू कर दिया। 2011 में जब युवा साथी क्रिकेट के भगवान को कंधे में उठाकर वानखेड़े के चक्कर में लगा रहे थे तब तक भारत में वृक्ष बन चुका था।
अभिषेक त्रिपाठी, न्यूयार्क। मुंबई इंडियंस के विवाद, विराट कोहली के देर से टीम से जुड़ने और कई सारे झंझावतों से जूझ रही भारतीय टीम से प्रशंसकों को 11 साल का सूखा खत्म करने का इंतजार है। अमेरिका पहली बार वेस्टइंडीज के साथ किसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा है और यहां पर भारत को अपने लीग मैच के चारों मैच खेलने हैं।
भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के तौर पर आईसीसी का खिताब जीता था। इसके बाद विराट कोहली ने चार आईसीसी ट्रॉफी में भारत की कप्तानी की, लेकिन खाली हाथ रहे। रोहित शर्मा भी तीन आईसीसी ट्रॉफी में कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन वह भी हमें ट्रॉफी नहीं जिता सके। अब उनकी कप्तानी में भारत चौथी बार आईसीसी ट्रॉफी में उतरेगा तो उसे इस लंबे इंतजार के खत्म होने की उम्मीद होगी।
रोहित के पास है मौका
1983 में गेहुंए रंग, घने बाल और गर्राबी मूंछों वाला एक भारतीय जब लॉर्ड्स की बालकनी में सिर पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी रखकर खिलखिला रहा था तो भारत में क्रिकेट की कोपलों ने पत्तों का रूप लेना शुरू कर दिया। 2011 में जब युवा साथी क्रिकेट के भगवान को कंधे में उठाकर वानखेड़े के चक्कर में लगा रहे थे तब तक भारत में इस खेल का पौधा घना वृक्ष बन चुका था। लंबे बाल वाले धोनी ने 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपना सिर मुंडवा लिया था।उन्होंने अपनी ही नहीं, भारत की भी मन्नत पूरी की थी। दो बार वनडे और एक बार टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाला भारत पिछले साल अपने देश में ही वनडे विश्व कप नहीं जीत पाया तो 1.5 अरब से ज्यादा भारतीयों का दिल टूट गया। एक बार फिर उसी रोहित के पास एक और मौका है। हालांकि, भारतीय कप्तान का भी यह संभवत: अंतिम विश्व कप होगा, ऐसे में वह भी ट्राफी का सूखा खत्म करना चाहेंगे। अगर भारतीय टीम की बात करें तो टीम में एक दो खिलाड़ियों को छोड़ दें तो सभी खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पहले भी विश्व कप में खेल चुके हैं।
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नौ बार हाथ से फिसला मौका
2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय टीम नौ बार आईसीसी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंची, जहां उसे सभी मुकाबलों में हार मिली। इनमें से चार बार टीम फाइनल और पांच बार सेमीफाइनल में हारी।