IPL 2022: क्रुणाल पांड्या मेरे भाई, भाइयों के बीच में लड़ाई होती रहती है : दीपक हुड्डा
दीपक ने कहा कि नई फ्रेंचाइजी से जुड़ने को लेकर मन में कुछ विचार थे लेकिन मेरी मेंटर गौतम गंभीर से पहले बातचीत हुई थी। केएल राहुल पंजाब में मेरे कप्तान थे और यहां भी कप्तान हैं तो एक तरीके से मुझे ज्यादा फर्क नहीं लगा।
By Sanjay SavernEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2022 03:46 PM (IST)
दीपक हुड्डा और क्रुणाल पांड्या घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा के लिए खेलते थे। पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में उत्तराखंड के खिलाफ मैच से पहले उप कप्तान दीपक और कप्तान क्रुणाल आपस में भिड़ गए थे। झगड़ा इतना बढ़ गया था कि दीपक अभ्यास छोड़कर घर चले गए थे। इसके बाद उन्होंने बड़ौदा क्रिकेट संघ से शिकायत भी की थी। उन्होंने कहा था कि क्रुणाल उनको हर बात में गाली देते थे। दीपक के मुताबिक क्रुणाल ने कहा था कि मैं देखूंगा कि आप बड़ौदा के लिए कैसे खेलते हैं? इसके बाद दीपक ने बड़ौदा टीम भी छोड़ दी थी। हालांकि इस साल मेगा नीलामी में आइपीएल की नई फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपरजांट्स ने दीपक को 5.75 करोड़ और क्रुणाल को 8.25 करोड़ में खरीदा। कुछ ऐसा संयोग हुआ कि ये दोनों अब आइपीएल में एक ही टीम में खेल रहे हैं। दीपक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्रुणाल मेरे भाई हैं और भाइयों के बीच लड़ाई होती रहती है। आइपीएल में प्रदर्शन और पुराने विवाद पर अभिषेक त्रिपाठी ने आलराउंडर दीपक हुड्डा से विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
-लखनऊ सुपरजाइंट्स में आप एक नए जाइंट्स बनकर उभरे हैं?-ऐसा नहीं है, मैं सिर्फ अपना काम कर रहा हूं। लखनऊ की टीम में सभी जाइंट्स हैं। हम सब मिलकर खेलते हैं और टीम भावना के तहत हमारा उद्देश्य जीत हासिल करने का ही होता है।
-आप इस सत्र में तीन मैचों में 119 रन बना चुके हैं जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं। इस साल फरवरी में आपको पहली बार भारतीय टीम की तरफ से दो वनडे और तीन टी-20 खेलने को मिले। क्या यह आपका सर्वश्रेष्ठ मय चल रहा है?
-ऐसा नहीं है। अभी तो ये शुरुआत है। मेरा सर्वोच्च आना अभी बाकी है। इस समय मैं लय में हूं और गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहा हूं। मैं इसे बरकरार रखना चाहता हूं और भारत की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना चाहता हूं।
-इस साल टी-20 विश्व कप और अगले साल वनडे विश्व कप होना है। उस पर भी नजर होगी? आप आलराउंडर हैं तो इसका फायदा मिलेगा?-हर किसी की तरह मेरा सपना भी भारत के लिए विश्व कप खेलना है लेकिन मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना है, बाकी चयनकर्ताओं पर छोड़ देना चाहिए। मैं आलराउंडर हूं और बल्ले के साथ गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन करना मेरा लक्ष्य रहता है। इसके अलावा मैं कुछ नहीं सोचता।
-आजकल आइपीएल फ्रेंचाइजी भी आलराउंडर पर ज्यादा दांव लगाती हैं?-मुझे इस बारे में ज्यादा पता नहीं है। हर खिलाड़ी का एक सकारात्मक पक्ष होता है। मेरे लिए अच्छी बात है कि मैं बल्लेबाजी के साथ दायें हाथ से आफ ब्रेक कर लेते हूं।-आप इससे पहले राजस्थान रायल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स की तरफ से भी खेल चुके हैं। जब आइपीएल की नई फ्रेंचाइजी ने आपको जोड़ा तो क्या सोचा आपने?
-नई फ्रेंचाइजी से जुड़ने को लेकर मन में कुछ विचार थे लेकिन मेरी मेंटर गौतम गंभीर से पहले बातचीत हुई थी। केएल राहुल पंजाब में मेरे कप्तान थे और यहां भी कप्तान हैं तो एक तरीके से मुझे ज्यादा फर्क नहीं लगा। यहां पर सबको बराबर देखा जाता है, बहुत कुछ सोचने और करने की आजादी है, अच्छा माहौल मिलता है जिसका फर्क पड़ता है। ऐसा नहीं है कि पिछली फ्रेंचाइजियों में कुछ खराब था लेकिन कुछ छोटी-छोटी चीजें अलग होती हैं जिनसे आपको फायदा होता है। वह लखनऊ की तरफ से खेलकर मिलता है।
-कप्तान राहुल काफी शांत हैं, कम बोलते हैं जबकि टीम के मेंटर काफी गंभीर हैं। क्या माहौल रहता है टीम में?-ये बात सही है कि राहुल काफी शांत हैं लेकिन वह मैदान में शांत नहीं रहते हैं। वह खिलाड़ी को बेहतर माहौल उपलब्ध कराते हैं और उसका समर्थन करते हैं। गंभीर के बारे में सभी को पता है कि वह क्रिकेट में लीजेंड हैं। उनके पास अनुभव का भंडार हैं। उन्होंने मुझसे कहा था कि यहां पर सब अपने लोग हैं, मिलकर टीम को आगे ले जाएंगे। वही काम हम लोग कर रहे हैं।
-आप और क्रुणाल पांड्या भी यहां साथ में हैं?-क्रुणाल और मैं भाई हैं। भाइयों के बीच में लड़ाई होती रहती है। आपकी भी होती होगी। हम एक टीम हैं और एक साथ एक उद्देश्य के लिए खेल रहे हैं।-जब नीलामी में आपको पता चला कि क्रुणाल भी आपकी टीम में हैं तो कैसा लगा? जब टीम में पहली बार मिले तो क्या बात हुई आपस में?-मैं नीलामी देख नहीं रहा था तो उस समय मुझे पता नहीं चला। बाद में मुझे जानकारी हुई। जैसे बाकी खिलाड़ी मिले वैसे ही हम लोग मिले। जो बीती बात थी, वह हो चुकी। अब हम लोग एक टीम में हैं और एक साथ खेल रहे हैं।
-एक क्रिकेटर के तौर पर आप क्रुणाल को कैसे देखते हैं?-वह टीम को जीत दिलाने वाले खिलाड़ी हैं। वह बल्लेबाजी कर लेते है, गेंदबाजी करतें है। वह अच्छे क्षेत्ररक्षक भी हैं।-पहली बार आइपीएल खेल रहे आयुष बदोनी की काफी तारीफ हो रही है। आपने उनके साथ बल्लेबाजी भी की है। कैसे खिलाड़ी हैं?-उनकी तारीफ सही हो रही है। वह तारीफ के लायक हैं। उन्होंने गुजरात टाइटंस के सामने जिस तरह से अपने पहले ही मैच में बेहतरीन अर्धशतक लगाया और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ छोटी लेकिन बढि़या नाबाद पारी खेलकर मैच खत्म किया वह बेहतरीन है। वह सही दिशा में जा रहे हंै। उसके पास कई शाट हैं। वह शाट का चयन बढि़या तरीके से करता है। वह ऐसे ही खेलता रहा तो काफी आगे जाएगा।
-टीम ने अब तक तीन मैच खेले हैं जिसमें दो जीते हैं। एक नई फ्रेंचाइजी के तौर पर इस शुरुआत को कैसे देखते हैं और आगे का क्या लक्ष्य है?-बिलकुल हम बढि़या खेल रहे हैं। चेन्नई के खिलाफ जिस तरह हमने 210 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 19.3 ओवर में जीत हासिल की वह अब तक की मेरी पसंदीदा जीत है। जहां तक लक्ष्य की बात है तो अभी हम ज्यादा आगे की नहीं सोच रहे हैं। पावरप्ले काफी दूर है। अभी तो बहुत मैच खेलने हैं। हम एक-एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं।
-एक नई फ्रेंचाइजी होने के बावजूद आपकी टीम काफी मजबूत नजर आ रही है?-जी, ये बात सही है। अगर आप हमारी टीम को देखेंगे तो वह काफी मजबूत है। ये कैसे हुआ मुझे पता नहीं क्योंकि नीलामी प्रक्रिया में मैं शामिल नहीं था। ये आसान काम नहीं है लेकिन जो लोग भी इसमें शामिल थे उन्होंने बहुत अच्छी टीम तैयार की है। आप यह कह नहीं सकते कि यह नई टीम है। सभी टीमों ने नीलामी में ही खिलाडि़यों को लिया है लेकिन हमारी टीम की रणनीति अच्छी रही होगी।
-लखनऊ में आपको क्या जिम्मेदारी दी गई है। क्या अब आप पहले से बेहतर खिलाड़ी हो गए हैं। क्या बदलाव आए हैं आपके खेल में?-ऐसी कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई है। यहां पर मुझे पांचवें नंबर पर खेलना होता है और मुझे इसमें मजा आ रहा है। मैं अपने शाट अच्छे से खेल पा रहा हूं। गेंद, बल्ले पर सही से कनेक्ट हो रही है। मैं 2015 से आइपीएल में खेल रहा हूं तो निश्चित तौर पर बदलाव आते ही हैं लेकिन ऐसा कुछ खास नहीं है। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दे रहा हूं।