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IPL Title sponsorship के लिए ये कंपनियां हैं रेस में, चीनी कंपनी नहीं होगी प्रायोजक

IPL title sponsorship को लेकर कंपनियों में रेस हो सकती है क्योंकि ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स कंपनियां दिवाली के त्योहार को भुनाना पसंद करेंगी।

By Vikash GaurEdited By: Updated: Fri, 07 Aug 2020 01:10 PM (IST)
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IPL Title sponsorship के लिए ये कंपनियां हैं रेस में, चीनी कंपनी नहीं होगी प्रायोजक
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने VIVO को इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 2020 के सीजन के लिए मुख्य प्रायोजक के तौर पर सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, 2021 के सीजन में चीनी मोबाइल कंपनी वीवो बतौर आइपीएल टाइटल स्पॉन्सर लौट सकती है। इस बीच बीसीसीआइ को नए आइपीएल प्रायोजक की तलाश है, जिसको लेकर मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि इसके लिए ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स कंपनियां आगे आएंगी, लेकिन एक टेलिकॉम कंपनी भी छुपा रुस्तम की तरह सामने आ सकती है।

आइएएनएस से बात करते हुए एक मार्केट एनालिस्ट ने कहा कि अमेजन जैसी एक ब्रांड को दिवाली वीकेंड की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि कंपनी को ज्यादा सेल करनी होती है। इसके अलावा इस सौदे को कोई भी कंपनी सस्ते में हासिल कर सकती है, क्योंकि वीवो को एक सीजन के 440 करोड़ रुपये चुकाने होते थे। वास्तव में यह एक विन-विन सिचुएशन है, जिसमें कोई भी कूदेगा वो जीतेगा। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि इस समय ऐसी ही कंपनियां इस डील को हासिल करना चाहेंगी, जिनको ऑनलाइन सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करनी है।

मार्केट एनालिस्ट ने कहा है, "देखिए, वर्तमान में लॉकडाउन और आर्थिक प्रभाव के साथ जो कुछ भी हुआ है, उनमें दो सबसे बड़े खिलाड़ी ई-लर्निंग और ई-कॉमर्स क्षेत्र से होंगे। आप किसी नए खिलाड़ी से कुछ स्टार्ट-अप की तरह चलने की उम्मीद नहीं करते हैं, लेकिन हो सकता है कि कोई बायजू की तरह, जो पहले से ही बीसीसीआइ परिवार का हिस्सा है, वह कदम बढ़ा सकता है और बड़े इवेंट का हिस्सा बन सकता है। अनएकेडमी को नहीं भूलना चाहिए जो खुद को क्रिकेट बिरादरी के साथ जोड़ना चाहती है।"

उन्होंने आगे कहा है, "जब आप चीजों के ई-कॉमर्स पक्ष में आते हैं, जबकि फाइनल के चार दिन बाद दिवाली है, ऐसे में आप इससे दो दिन पहले खरीदारी नहीं करते हैं। आप वास्तव में इसे त्योहारों सबसे ऊपर मानते हैं। अमेजन या फ्लिपकार्ट के लिए उस स्थान का उपयोग करने और अंतिम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या बेहतर है? इसके अलावा, आपको यह महसूस करना होगा कि कोई भी 440 करोड़ का भुगतान नहीं करेगा। ऐसे में आपको आधे या एक तिहाई कीमत पर स्पॉन्सर मिलेगा।"

एक अन्य मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि अगर Jio इसमें आता है तो बहुत हैरानी होगी। एक्सपर्ट ने कहा है, "देखिए, Jio पहले से ही एक ब्रांड है जो व्यक्तिगत रूप से आठ टीमों के साथ जुड़ा हुआ है। आगे यह टाइटल स्पॉन्सरशिप गेम में क्यों आना चाहेगा? यदि वे ऐसा करते हैं, तो बीसीसीआइ के साथ साझा किए गए रिश्ते के साथ ऐसा करना अधिक होगा। इसके अलावा Jio आइपीएल के सबसे प्रमुख ब्रांडों में से एक हैं। अगर जीओ कंपनी ऐसा करती है तो मैं इसे डार्क हॉर्स ही कहूंगा।" इसके अलावा सामने ये भी आ रहा है कि बायजू अगर बीसीसीआइ को अप्रोच करती है तो बोर्ड उसको साथ ये डील कर सकता है, क्योंकि भारतीय टीम के मैच नहीं हुआ और बायजू एक साल के लिए 40 करोड़ बीसीसीआइ को देती है।