IPL 2024 खेलने के लिए Ishan Kishan को रणजी ट्रॉफी खेलना होगा जरूरी, बीसीसीआई जल्द ले सकता है फैसला
झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में नहीं खेलना और केवल आइपीएल पर ध्यान केंद्रित करने के कारण बीसीसीआई इस लीग में भागीदारी के लिए रणजी ट्रॉफी के कुछ मैचों में खेलना अनिवार्य कर सकता है। पता चला है कि बीसीसीआई के अधिकारी पहले ही किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के विरुद्ध अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके हैं।
प्रेट्र, मुंबई। झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में नहीं खेलना और केवल आइपीएल पर ध्यान केंद्रित करने के कारण बीसीसीआई इस लीग में भागीदारी के लिए रणजी ट्रॉफी के कुछ मैचों में खेलना अनिवार्य कर सकता है। पता चला है कि बीसीसीआई के अधिकारी पहले ही किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के विरुद्ध अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके हैं।
किशन दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच से स्वदेश लौट गए थे और इसके बाद उन्होंने कोई मैच नहीं खेला जो बीसीसीआइ को पसंद नहीं आया। यही नहीं इस बीच उन्हें मुंबई इंडियंस के नवनियुक्त कप्तान हार्दिक पांड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास करते हुए देखा गया जबकि उनकी रणजी टीम झारखंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी।बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड के अधिकारी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं की कुछ खिलाड़ी लाल गेंद की क्रिकेट में नहीं खेलना चाहते हैं। अगर वह भारतीय टीम से बाहर हैं तो वह मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट के कुछ मैच में खेलकर उसके बाद प्रथम श्रेणी सत्र के दौरान अपनी राज्य की टीम से नहीं जुड़ते हैं।
खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने के लिए बोर्ड रणजी ट्राफी के तीन-चार मैच में खेलना अनिवार्य कर सकता है। अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करता है तो वह आइपीएल में नहीं खेल सकता है और यहां तक कि अगर उनकी फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया तो वह आइपीएल नीलामी में भाग नहीं ले सकते हैं।यह भी पढ़ें: AUS vs WI: David Warner ने T20I में कर डाला बड़ा कारनामा, आजतक कोई भी ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर नहीं कर पाया ऐसा
अधिकारी ने कहा कि राज्य इकाइयों का मानना है कि बीसीसीआइ को इसको लेकर कुछ कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि युवा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी को हेय ²ष्टि से न देखें। यह भी पता चला है कि भारतीय टीम प्रबंधन ऐसे खिलाडि़यों से परेशान है जो फिट होने पर भी रणजी ट्राफी में नहीं खेलना चाहते हैं।अधिकारी ने कहा कि हम हार्दिक पांड्या का मामला समझ सकते हैं, क्योंकि उनका शरीर लाल गेंद की क्रिकेट के कार्यभार को सहन नहीं कर सकता। वह टेस्ट क्रिकेट के कार्यभार को नहीं झेल सकते हैं और उनका आइसीसी प्रतियोगिताओं के लिए फिट रहना भारत के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ अन्य युवा खिलाड़ी हैं जिनसे बात करने पर वह कहते हैं कि अभी वह अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इस चलन को किसी स्तर पर रोकना होगा।
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